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झारखंड में फिर फंसेगी 3 हजार शिक्षकों की नियुक्ति, ये है इसकी बड़ी वजह

प्लस टू और हाइस्कूल, दोनों में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. नियुक्ति में जिलास्तरीय आरक्षण प्रभावी होगा. ज्ञात हो कि राज्य में सरकारी प्लस टू विद्यालयों के शिक्षकों का कैडर राज्यस्तरीय है

झारखंड में 80 उत्कृष्ट और 325 आदर्श विद्यालयों में लगभग 3000 शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इसे लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना शिप ने सभी जिलों को पत्र भेजा है. इसमें प्रावधान के अनुरूप सभी वर्गों के आरक्षण के लिए कॉलम बनाया गया है, पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्ल्यूएस) के आरक्षण का उल्लेख नहीं है. ऐसे में यह शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया भी फंस सकती है.

नियुक्ति के लिए जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि नियुक्ति संविदा पर होगी, लेकिन विद्यालयों में स्वीकृत पद के विरुद्ध आवश्यकता के अनुरूप रिक्त पदों पर शिक्षकों का चयन होगा. शिक्षा परियोजना ने जिलों को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने के लिए फॉर्मेट भी भेजा है.

इसमें विद्यालय में विषयवार कुल रिक्त पद, अनारक्षित, बीसी/बीसी-2, एमबीसी/बीसी-1 और एसटी व एससी वर्ग की आरक्षित सीट की जानकारी देने के लिए कहा गया है. नियुक्ति की योग्यता सरकारी विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के अनुरूप होगी.

पीजीटी में जिलास्तरीय रोस्टर पर नियुक्ति होगी :

प्लस टू और हाइस्कूल, दोनों में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. नियुक्ति में जिलास्तरीय आरक्षण प्रभावी होगा. ज्ञात हो कि राज्य में सरकारी प्लस टू विद्यालयों के शिक्षकों का कैडर राज्यस्तरीय है, पर इसमें जिलास्तरीय आरक्षण रोस्टर पर नियुक्ति का निर्देश दिया गया है. जबकि, नियुक्ति स्वीकृत पद के विरुद्ध व सरकारी शिक्षकों की योग्यता के अनुरूप की जायेगी. जिला रोस्टर पर नियुक्ति के लिए राज्य के कुछ जिलों में पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का आरक्षण भी प्रभावित होगा.

जिलों में इडब्ल्यूएस आरक्षण का निर्देश नहीं

राज्य में जून 2019 में इडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर निर्देश जारी किया गया था. इसमें केवल राज्यस्तरीय कैडर में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था. जिलास्तरीय नियुक्ति को लेकर बाद में प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश जारी करने की बात कही गयी थी. इसके बाद से अब तक राज्य में जिला स्तरीय नियुक्ति में इडब्ल्यूएस आरक्षण को लेक को निर्देश जारी नहीं हुआ है.

विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए उत्कृष्ट व आदर्श विद्यालय में कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. नियुक्ति में कैडर का निर्धारण माध्यमिक शिक्षा निदेशालय व आरक्षण में कार्मिक विभाग द्वारा तय प्रावधान का पालन किया जा रहा है. जिला रोस्टर में आर्थिक रूप से कमजोर (इडब्ल्यूएस) वर्ग के आरक्षण को लेकर फिलहाल कोई निर्देश नहीं है.

किरण कुमारी पासी, निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना

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