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Makar Sankranti 2023: ‘खिचड़ी के चार यार- दही, पापड़, घी और अचार’, मकर संक्रांति पर इसे बनाने की है खास वजह

Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर रस्म के रूप में घर-घर खिचड़ी बनायी जाती है, खास कर उत्तर प्रदेश व बिहार-झारखंड में. मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने के पीछे कुछ पौराणिक एवं शास्त्रीय मान्यताएं हैं. खिचड़ी को आयुर्वेद में सुंदर और सुपाच्य भोजन की संज्ञा दी गयी है.

Makar Sankranti 2023: कुछ फटाफट या हल्का-फुल्का भोजन घर में बना कर खाने का मन हो तो सबसे पहले दिमाग में आती है खिचड़ी. यह आसानी से बेहद कम समय में बन जाती है. इसमें कद्दू, मटर, गाजर आदि हरी सब्जियों का प्रयोग कर दिया जाये, तो इसकी पौष्टिकता कई गुना बढ़ जाती है. इसी तरह इसमें दालों को लेकर भी हरके की पसंद अपनी-अपनी है. किसी को मसूर, अरहर की दाल से बनी खिचड़ी भाती है, तो कोई मूंग, उड़द दाल वाली खिचड़ी पसंद करता है. मुट्ठी भर चावल और ढेर सारी दालें. कई घरों में सप्ताह में एक दिन तो खिचड़ी बनती है. तेल-मसाले से मुक्त खिचड़ी का सेवन कम से कम एक दिन तो आपके पाचन को दुरुस्त कर ही देती है. मकर संक्रांति वह विशेष अवसर है जब एक रस्म के रूप में घर-घर खिचड़ी बनायी जाती है, खास कर उत्तर प्रदेश व बिहार-झारखंड में.

मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने के पीछे कुछ पौराणिक एवं शास्त्रीय मान्यताएं हैं. खिचड़ी को आयुर्वेद में सुंदर और सुपाच्य भोजन की संज्ञा दी गयी है. इसे स्वास्थ्य के लिए औषधि माना गया है. प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार जब जल नेती की क्रिया की जाती है तो उसके पश्चात् केवल खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है. ज्योतिषिय मान्यता के अनुसार, चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है, काली उड़द की दाल को शनि का और हरी सब्जियां बुध का प्रतीक होती हैं. कुंडली में ग्रहों की स्थिती को मजबूत करने के लिए मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाना शुभ फलदायी है.

दरअसल, इस दिन खिचड़ी में प्रयोग की जाने वाली चीजें- चावल, उड़द, घी, हल्दी, पानी और नमक आदि अलग-अलग ग्रहों से जुड़े हुए हैं. इससे तमाम प्रकार के ग्रह दोषों से बचा जा सकता है. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति पर खिचड़ी के सहायक व्यंजन के रूप में दही, पापड़, घी और अचार का मिश्रण अवश्य किया जाता है. यहां तक कि आम बोलचाल में कहा भी जाता है- ‘खिचड़ी के चार यार- दही, पापड़, घी और अचार’. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन नये अन्न की खिचड़ी खाने से शरीर पूरा साल आरोग्य रहता है.

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खिचड़ी खाने के फायदे

  • पाचन में आसान : पेट से जुड़ी कोई भी तकलीफ हो तो रोजाना खिचड़ी खाएं, क्योंकि यह पचाने में आसान होती है. पेट को तुरंत आराम मिलता है. डॉक्टर भी रोगी को खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं.

  • पोषक तत्वों से भरपूर : खिचड़ी में दाल और ढेर सारी सब्जियां होती हैं, इसलिए यह पोषक तत्वों से भरपूर रहती है. इस एक प्लेट खिचड़ी में आपको सभी जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स मिल जाते हैं.

  • मोटापे से बचाये : खासकर रात के समय सर्दियों में देसी घी के साथ और गर्मियों में दही के साथ खिचड़ी खाने से वजन नहीं बढ़ता, क्योंकि ये आसानी से पच जाती है और इस वजह से ब्लोटिंग और मोटापे जैसी शिकायत नहीं रहती.

  • देती है अच्छी नींद : इसकी भी वजह सिर्फ एक है कि आसानी से पचने वाली चीजों से नींद भी बेहतर आती है, जैसे कि खिचड़ी खाने से. इसलिए रात में खिचड़ी खाना लाभकारी है.

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