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शशि थरुर ने कहा, आतंकवादियों के लिए भी नहीं हो मृत्युदंड

तिरुवनंतपुरम : आलोचना से बेपरवाह पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरुर ने आज यह कहते हुए आतंकवादियों के लिए भी मृत्युदंड का विरोध किया कि यह अप्रचलित प्रथा है और फांसी की बजाय उन्हें बाकी जिंदगी के लिए बिना पैरोल के सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए. कांग्रेस सांसद ने कहा, आतंकवादियों को बिना पैरोल […]

तिरुवनंतपुरम : आलोचना से बेपरवाह पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरुर ने आज यह कहते हुए आतंकवादियों के लिए भी मृत्युदंड का विरोध किया कि यह अप्रचलित प्रथा है और फांसी की बजाय उन्हें बाकी जिंदगी के लिए बिना पैरोल के सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए.

कांग्रेस सांसद ने कहा, आतंकवादियों को बिना पैरोल के पूरी जिंदगी के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए. प्रारंभिक दिनों में ऐसी मान्यता थी कि यदि कोई व्यक्ति किसी की हत्या करता है तो उसे भी मार दिया जाना चाहिए. हमें क्यों इस पुरानी अप्रचलित प्रथा का पालन करने की जरुरत है……

यहां एक कार्यक्रम के मौके पर उन्होंने कहा, जब हम मृत्युदंड को तामील करते हैं तो हम वाकई उन्हीं की तरह बर्ताव करते हैं. वे हत्यारे हैं और राज्य (सरकार) को उनकी तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए. मुंबई के 1993 के बम विस्फोट के मुजरिम याकूब मेमन को फांसी देने के संबंध में उनके द्वारा किए गए ट्वीट पर उठे विवाद पर उन्होंने कहा, मैंने मेमन मामले पर एक शब्द तक नहीं कहा. दरअसल मैंने जो ट्वीट किया था, उसमें मैं व्यक्तिगत मामले के गुण-दोष में नहीं जा रहा था और यह उच्चतम न्यायालय की जिम्मेदारी थी। मैंने मृत्युदंड के विरुद्ध ट्वीट किया था जो एक अप्रचलित प्रथा है.

सयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी कहा था कि, हमें किसी की जिंदगी लेने का हक नहीं है. थरुर ने कहा कि न केवल उन्होंने बल्कि सीताराम येचुरी, डी राजा, कनिमाई, शत्रुघ्न सिन्हा और वरुण गांधी समेत कई नेताओं ने भी मृत्युदंड समाप्त करने का समर्थन किया.

कांग्रेस नेता ने कहा, 143 देश पहले ही मृत्युदंड खत्म कर चुके हैं और 25 अन्य देश इस पर अमल नहीं कर रहे हैं, जबकि मृत्युदंड उनके कानून में है. फिलहाल केवल 35 देश इसे अमल में ला रहे हैं. हमारे देश को क्यों ऐसी प्रथा का पालन करना चाहिए.

थरुर तब भाजपा के निशाने पर आ गए थे जब उन्होंने हाल ही में कहा था कि इस खबर से उन्हें बडी निराशा हुई कि हमारी सरकार ने एक इंसान को फांसी पर लटका दिया. राज्य प्रायोजित हत्या हम सभी को हत्यारे की श्रेणी में पहुंचा देती है.

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