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गुड न्यूज: एक माह में चार दिन लगेगा बस्ती में शिविर, पांच वार्डों का होगा चयन, स्लम बस्ती में जायेंगे आयुर्वेद डॉक्टर

पटना सिटी: शहर की स्लम बस्ती में रहनेवाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए अगमकुआं स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान कार्य करेगा. इसके लिए केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद ने स्वास्थ्य रक्षा के तहत चलंत इकाई से स्वास्थ्य सेवा देने की योजना बनायी है. योजना के तहत प्रथम चरण में पटना […]

पटना सिटी: शहर की स्लम बस्ती में रहनेवाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए अगमकुआं स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान कार्य करेगा. इसके लिए केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद ने स्वास्थ्य रक्षा के तहत चलंत इकाई से स्वास्थ्य सेवा देने की योजना बनायी है. योजना के तहत प्रथम चरण में पटना शहरी क्षेत्र के पांच वार्डों को चयनित किया जायेगा. इन वार्डों में सप्ताह में एक दिन इकाई द्वारा बस्ती में रहनेवालों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की विधि सिखायी जायेगी. साथ ही उपचार के बाद दवा भी मुहैया करायी जायेगी.
संस्थान के सहायक निदेशक डॉ अमरनाथ मिश्र ने बताया कि आधारभूत संरचना के साथ प्रोजेक्ट पर इसी माह कार्य आरंभ हो सकता है. इसके लिए संस्थान में डॉ आलोक कुमार श्रीवास्तव की देख-रेख में प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है. प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ आलोक ने बताया कि स्वास्थ्यरक्षक कार्यक्रम के तहत मौसम के अनुकूल आचार-विचार, खान-पान व बस्ती के लोगों की दिनचर्या कैसी हो इस दिशा में जागरूक किया जायेगा ताकि वे मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें. संस्थान के सहायक निदेशक डॉ अमरनाथ मिश्र ने बताया कि पटना शहर में पांच वार्डों का चयन करना है. इनमें दो वार्डों 58 व 61 का चयन किया गया है. तीन वार्डों का और चयन होगा. प्रोजेक्ट में पांचों चयनित वार्डों में एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट व डाटा इंट्री आॅपरेटर समेत अन्य कर्मी रहेंगे. यह टीम सप्ताह में एक दिन वहां जाकर बस्ती के लोगों की जांच-पड़ताल कर दवा देगी और स्वस्थ रहने की विधि बतायेगी. माह में चार दिन एक बस्ती में टीम निश्चित दिन को जायेगी.
दलित बस्ती में सर्वे ग्राम योजना : स्वास्थ्य रक्षा कार्यक्रम के तहत एक प्रोजेक्ट अनुसूचित जाति के लोगों के लिए भी शुरू होगा. दलित बस्ती में रहनेवालों का सर्वे करने के साथ बस्ती के लोगों की जांच-पड़ताल कर दवा दी जायेगी और स्वच्छ व स्वस्थ रहने की विधि से अवगत कराया जायेगा. इस प्रोजेक्ट के लिए डॉ केके सिंह की देख-रेख कार्य चल रहा है. हालांकि, यह कार्य अगले साल आरंभ होगा. फिलहाल टीम दलित बस्ती में जाकर वहां सर्वे करेगी. इस दरम्यान स्वस्थ रहने, स्वच्छ पानी के भंडारण आदि जानकारी बस्ती के लोगों को दी जायेगी.
छह प्रोजेक्टों पर चल रहा कार्य : सहायक निदेशक डॉ अमरनाथ मिश्र ने बताया कि संस्थान में छह प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है. इनमें गठिया, बात, यूरिक एसिड, हाइपर टेंशन (उच्च रक्तचाप) आदि शामिल हैं. संस्थान के चिकित्सक डॉ मनोज पांडे का कहना है कि आयुर्वेद में असाध्य रोग का सटीक इलाज है. इस कारण लोगों का रुझान देसी इलाज में बढ़ा है.
महिला के कूल्हे का प्रत्यारोपण
पटना सिटी. कुम्हरार गांधी सेतु के समीप स्थित ऑक्सीजन ट्रामा एंड मल्टीस्पशलिटी हॉस्पिटल में रविवार को लाइव सर्जरी कार्यशाला हुई, जिसमें 75 वर्षीया महिला के दाएं कूल्हे टूटी हड्डी का प्रत्यारोपण किया गया. प्रत्यारोपण डॉ प्रवीण कुमार ने अपने टीम के साथ किया. टीम में डॉ अरविंद कुमार गुप्ता, डॉ इकबाल खान व डॉ कौशलेंद्र शामिल थे. डॉ प्रवीण ने बताया कि प्रत्यारोपण के बाद महिला की जिंदगी में नयी आस जगी है, वह दो-तीन दिनों में चलने लायक होगी. इस मौके पर एक सेमिनार का भी आयोजन हुआ. उद्घाटन पीएमसीएच के विभागाध्यक्ष डॉ विश्वेद्र कुमार व डॉ कैप्टन विजय शंकर सिंह ने किया. इन लोगों ने कहा कि सर्जरी से कूल्हे की टूटी हड्डी बदल कर कृत्रिम ज्वाइंट के सहारे मरीज को शीघ्र चलाया जा सकता है. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर जिला न्यायाधीश किशोर प्रसाद ने मेडिकल रिकार्ड रखने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि इलाज में पारदर्शिता रहे. डॉ अमूल्य कुमार सिंह ने कहा कि ग्लोबल ऑर्थोपेडिक फोरम के तहत लाइव सर्जरी अलग-अलग अस्पताल में नियमित किया जायेगा. मौके पर संस्थान की संस्थापक डॉ रजनी कुमारी, डॉ मधुसुदन कुमार, डॉ हरि प्रसाद, डॉ अनिल राम, बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के सचिव डॉ राजीव आनंद, अनिल कुमार, डॉ पप्पू, डॉ एस सगार आदि मौजूद थे़

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