38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

भारत ने विशेष दर्जे संबंधी विधेयक सीनेट में खारिज होने को तवज्जो नहीं दी

नयी दिल्ली : भारत ने अमेरिकी सीनेट में उस विधेयक के पारित नहीं हो पाने को आज तवज्जो नहीं देने की कोशिश की जिसमें नई दिल्ली को ‘वैश्विक रणनीतिक और रक्षा साझीदार’ के तौर पर मान्यता देने की बात शामिल थी. भारत ने कहा कि इसके आखिरी तथ्यों को लेकर अभी अटकल लगाना जल्दबाजी होगी. […]

नयी दिल्ली : भारत ने अमेरिकी सीनेट में उस विधेयक के पारित नहीं हो पाने को आज तवज्जो नहीं देने की कोशिश की जिसमें नई दिल्ली को ‘वैश्विक रणनीतिक और रक्षा साझीदार’ के तौर पर मान्यता देने की बात शामिल थी. भारत ने कहा कि इसके आखिरी तथ्यों को लेकर अभी अटकल लगाना जल्दबाजी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले सप्ताह के आधिकारिक दौरे के समय जारी साझा बयान में अमेरिका ने भारत को ‘बडा रक्षा साझीदार’ करार दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा, ‘‘हमने अमेरिकी सीनेट की ओर से राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) के मद्देनजर भारत से संबंधित संशोधन को शामिल नहीं किए जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों को देखा है.”

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी कांग्रेस में एनडीएए की तैयारी में प्रतिनिधि सभा और सीनेट में अलग अलग पहलुओं का अनुमोदन शामिल होता है तथा सहमति वाले एक मजमून को शामिल करने के लिए भी सहमति बनती है. इस मजमून को फिर से मतदान के लिए दोनों सदनों में रखा जाता है.” स्वरुप ने कहा, ‘‘एनडीएए-2017 तैयार किए जाने की प्रक्रिया में है और इसके आखिरी तथ्य के बारे में कयास लगाना बहुत जल्दबाजी होगी।” उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि एनडीएए अमेकिी सरकार की ओर से भारत को बडा रक्षा साझेदार के तौर पर मान्यता दिए जाने से अलग है.

स्वरुप ने कहा, ‘‘यह कार्यकारी निर्णय था और इसका बीते सात जून को जारी भारत-अमेरिका साझा बयान में एलान हो चुका है. कई सीनेटरों और कांग्रेस सदस्यों ने प्रस्ताव सिर्फ इसके लिए पेश किया था कि अमेरिकी सरकार के इस फैसले को सुदृढ किया जाए।” उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा सहयोग के लिए अमेरिकी कांग्रेस में द्विदलीय समर्थन है.” भारत को ‘वैश्विक रणनीतिक और रक्षा साझेदार’ के तौर पर मान्यता देने के लिए अमेरिकी सीनेट में पेश विधेयक पारित नहीं हो सका. वरिष्ठ रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन ने एनडीएए-17 में संशोधन के लिए प्रस्ताव पेश किया था। अगर यह पास हो जाता तो भारत को वैश्विक रणनीतिक और रक्षा साझेदार के तौर पर मान्यता मिल जाती.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें