Advertisement
बिहार : शराबबंदी से आयी खुशहाली, अब करते हैं बांस का कारोबार, घर बर्बाद होने से बचा
संजय कुमार मजदूरी का पैसा शराब में उड़ा देता था अजय दानापुर (पटना) : दो साल पहले शराब के नशे में डूबे रहने वाले अजय राय अब नशे से कोसों दूर जा चुके हैं. शराबबंदी से अजय के जीवन में नया बदलाव आया और उनके घर में खुशी आयी है. उनकी पत्नी इंदु देवी अब […]
संजय कुमार
मजदूरी का पैसा शराब में उड़ा देता था अजय
दानापुर (पटना) : दो साल पहले शराब के नशे में डूबे रहने वाले अजय राय अब नशे से कोसों दूर जा चुके हैं. शराबबंदी से अजय के जीवन में नया बदलाव आया और उनके घर में खुशी आयी है.
उनकी पत्नी इंदु देवी अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद देते नहीं थकती हैं. अजय कहते हैं कि शराब की लत के कारण पूरा परिवार बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया था. शराबबंदी होने के बाद मजदूर अजय राय ने गांव में बांस बेचने का धंधा करना शुरू कर दिया. अब वे परिवार समेत बाल-बच्चों का भरण-पोषण कर खुशी से जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
शराब के कारण घर में होता था कलह : दानापुर दियारे के मानस गांव निवासी अजय राय के घर में जहां आये दिन शराब के कारण कलह होता था.
अजय के घर पर बच्चों के पढ़ने की आवाज सुनाई पड़ती है और घर में सभी खुशहाल हो गये हैं. अजय शराब की लत के कारण सुबह से देर शाम तक शराब के नशे में डूबा रहता था. कभी-कभी नशे में गांव की पगडंडी पर गिरा पड़ा रहता था. पत्नी व बच्चे शाम में खोज कर घर लाते थे. घर के लोग अजय के शराब पीने से अाजिज आ चुके थे.
अजय मजदूरी करने के लिए घर से सुबह में निकलता था, तो देर शाम शराब के नशे में चूर होकर घर पहुंचता था. मजदूरी कर सारा पैसा अजय शराब पीने में खर्च कर देता था. इससे आये दिन पत्नी से राशन के लिए झगड़ा और मारपीट होती थी. पत्नी इंदु देवी दूसरे के खेतों में मजदूरी कर दो पुत्रों व एक पुत्री का भरण-पोषण करती थी.
घर बर्बाद होने से बच गया : अजय की पत्नी इंदु देवी ने बताया कि जब से राज्य में शराबबंदी कानून लागू हुआ है. तब से मेरे पति ने शराब पीना छोड़ दिया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के लिए धन्यवाद दिया. राज्य में शराबबंदी होने से लोग खुशहाल हो गये हैं. उन्होंने बताया कि अब मेरे पति ने शराब छोड़ कर काम करना शुरू कर दिया है. इससे मैं और मेरे बच्चे खुश रहते हैं.
सुधरी घर की आर्थिक स्थिति
अजय ने बताया कि शराबबंदी होने से धीरे-धीरे शराब की लत छूट गयी. उन्होंने बताया कि गांव में बांस बिक्री करने का धंधा शुरू कर दिया और बांस को कोपा बना कर भी बिक्री करने का काम शुरू कर दिया है. इससे घर की आर्थिक स्थिति अब धीरे-धीरे सुधर गयी है. उन्होंने बताया कि इस काम से प्रतिदिन करीब दो से तीन सौ कमाई हो जाती है.
इससे घर का राशन व खर्च पूरा हो जाता है. उन्होंने बताया कि शाम को अपने घर पर बाल-बच्चों समेत परिवार के साथ रहते हैं. अब पत्नी से झगड़ा नहीं होता है. पत्नी अब खुश रहती है. उन्होंने बताया कि अब पुत्र अंकित, सन्नी व पुत्री सविता कुमारी ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि पहले बच्चे भी मेरे पास आने से डरते थे. जब से शराब की लत छूटी है. तब से बच्चे मेरे साथ बैठ कर भोजन करते हैं.
Advertisement