26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विवाह पंचमी पर उपासना से होता है वैवाहिक बाधाओं का अंत

मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. तभी से इस पंचमी को ‘विवाह पंचमी पर्व’ के रूप में भव्यता से मनाया जाता है. इस बार विवाह पंचमी बुधवार, 12 दिसंबर को है. यह त्योहार मुख्यतः भारत के उत्तरी क्षेत्र, मिथिलांचल और नेपाल मे धूमधाम से […]

मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. तभी से इस पंचमी को ‘विवाह पंचमी पर्व’ के रूप में भव्यता से मनाया जाता है.
इस बार विवाह पंचमी बुधवार, 12 दिसंबर को है. यह त्योहार मुख्यतः भारत के उत्तरी क्षेत्र, मिथिलांचल और नेपाल मे धूमधाम से मनाया जाता है. सीता माता मिथिला नरेश राजा जनक की पुत्री थीं. रामायण पुराण में भगवान श्रीराम और माता सीता की विवाह गाथा वर्णित है.
विवाह पंचमी भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनायी जाती है. इस दिन भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाओं का नाश होता है. मनचाहे जीवनसाथी का वरदान मिलता है.
इस दिन बालकांड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ है. संपूर्ण रामचरित-मानस का पाठ करने से पारिवारिक जीवन सुखमय होता है. प्रातः काल स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें.
भगवान राम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें. राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें. ‘ॐ जानकीवल्लभाय नमः’ का जप करें. इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें, उनकी आरती करें. गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें