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रांची : परंपरा को संरक्षित रखने की जरूरत : सुदर्शन भगत
रांची : केंद्रीय राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में डोकरा व लोहारी कला पर दस दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन किया़ इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों की परंपरागत कारीगरी और उत्पाद अब विलुप्ति के कगार पर हैं. इन्हें जीवित और संरक्षित रखने की जरूरत है़ जनजातीय शोध […]
रांची : केंद्रीय राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में डोकरा व लोहारी कला पर दस दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन किया़ इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों की परंपरागत कारीगरी और उत्पाद अब विलुप्ति के कगार पर हैं.
इन्हें जीवित और संरक्षित रखने की जरूरत है़ जनजातीय शोध संस्थान के संग्रहालय में ऐसे आभूषण, हथियार, उपकरण आदि रखने की योजना है, ताकि भावी पीढ़ियां इनके बारे में जान सके़ं इस कार्यशाला से झारखंड व छत्तीसगढ़ के कारीगरों के बीच तकनीक और विचारों का आदान-प्रदान भी संभव होगा़ इससे पूर्व संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार ने कहा कि संग्रहालय में 32 जनजातियों को जगह दी गयी है़
बस्तर, छत्तीसगढ़ के कोंडा गांव से आये मास्टर ट्रेनर भूपेंद्र बघेल ने बताया कि वे डोकरा आर्ट के तहत कांस्य व पीतल से नृत्य आदि से जुड़ी जनजातीय आकृतियां, पशु-पक्षी आदि बनाना सिखायेंगे़ वहीं, लोहारी के मास्टर ट्रेनर हेहल के बंदी उरांव ने बताया कि वह दउली, कोड़ी, तीर, बरछा, तरमत आदि बनाने की लाेहारी कला की जानकारी देंगे़
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