चाइल्ड लाइन ने शिशु को कुपोषण केंद्र पहुंचाया
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जननी ने झाड़ी में फेंका अनजान ने गले लगाया
चाइल्ड लाइन ने शिशु को कुपोषण केंद्र पहुंचाया चक्रधरपुर स्टेशन जानेवाले मार्ग पर झाड़ी में फेंका मिला नवजात शिशु चक्रधरपुर : मां और इस शब्द के अंदर छिपी भावना को शर्मसार करनेवालाएक मामला चक्रधरपुर में सामने आया है. एक अज्ञात कलियुकी मां ने नौ महीने तक अपनी कोख में धारण करने और जन्म देने के […]
चक्रधरपुर स्टेशन जानेवाले मार्ग पर झाड़ी में फेंका मिला नवजात शिशु
चक्रधरपुर : मां और इस शब्द के अंदर छिपी भावना को शर्मसार करनेवालाएक मामला चक्रधरपुर में सामने आया है. एक अज्ञात कलियुकी मां ने नौ महीने तक अपनी कोख में धारण करने और जन्म देने के बाद अपने नवजात शिशु को झाड़ियों में फेंक दिया. लेकिन वहीं एक ऐसे व्यक्ति ने उक्त बच्चे को बिना कुछ सोचे गले लगाने की तत्परता दिखा कर ममता के शाश्वत स्वरूप के दर्शन भी करा दिये, जिसका वह नवजात शिशु कोई नहीं लगता. लेकिन प्रशासनिक नियमों के तहत उक्त नवजात शिशु जिला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के हाथों होता हुआ जिला कुपोषण निवारण केंद्र पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक,
रविवार दोपहर 12 बजे के करीब यहां रेलवे केबिन से चक्रधरपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक की ओर जाने वाले रास्ते से जा रहे दीपक गुप्ता ने झाड़ी से किसी शिशु के रोने की आवाज सुनी तो उनके पैर ठिठक गये. उन्होंने तत्काल इसकी सूचना समाजसेवी कमलदेव गिरि को दी. उनके पहुंचने के बाद वे श्री गिरि के साथ झाड़ियों की तरफ गये, जहां से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी तो देखा कि झाड़ियों के बीच एक नवजात शिशु पड़ा रो रहा है. श्री गिरि ने तुरत बच्चे को उठा लिया तथा उसे रेलवे अस्पताल लाकर उसे डॉ कैलाश नाथ को दिखाया. डॉक्टर ने जांच के बाद बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ बताया. इसके बाद दीपक गुप्ता उस बच्चे को अपनाने की नीयत से अपने घर, पंडितहाता ले गये, जहां उनके परिजनों ने भी बच्चे को घर में रखने पर सहमति दे दी. श्री गुप्ता ने बताया कि नवजात शिशु चक्रधरपुर रेलवे केबिन से एक नंबर प्लेटफॉर्म जाने वाली रास्ते पर झाड़ी के बीच पड़ा था. उन लोगों ने आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन कोई सामने नहीं आया. श्री गुप्ता ने शिशु का अपने बेटे की तरह पालन-पोषण करने इच्छा जतायी. लेकिन देर शाम पहुंचे चाइल्डलाइन के अधिकारियों ने चक्रधरपुर पुलिस की मदद से बच्चे को अपने कब्जे में ले कर उसे चाईबासा लाकर जिला कुपोषण निवारण केंद्र के हवाले कर दिया. जिला चाइल्डलाइन की अध्यक्ष ज्योत्स्ना तिर्की के निर्देश पर हुई उक्त कार्रवाई के बाद शिशु दो तीन दिन तक केंद्र में ही रहेगा जहां से उसका सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स ऑथोरिटी (कारा) में रजिस्ट्रेशन कराया जायेगा तथा नजदीकी खूंटी स्थित दत्तक गृह भेज दिया जायेगा. वहां साठ दिन तक उसे वहां रखा जायेगा, इस बीच वहां उसका कोई नजदीकी नहीं आने पर उसे दत्तक के रूप में देने के लिए मुक्त कर दिया जायेगा.
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