बंगाल सीमा पर शरणागत बंगाल स्टेट कमेटी के सचिव राकेश जी के दस्ते से पलायन शुरू
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पहले दाहिना हाथ राहुल और अब बायां हाथ सचिन ने छोड़ा राकेशजी का साथ
बंगाल सीमा पर शरणागत बंगाल स्टेट कमेटी के सचिव राकेश जी के दस्ते से पलायन शुरू घाटशिला : घाटशिला और बंगाल सीमा पर शरणागत नक्सली संगठन के एक करोड़ का इनामी पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी के सचिव असीम मंडल उर्फ राकेश उर्फ आकाश जी दस्ते के प्रमुख सदस्यों का पलायन शुरू हो गया है. राहुल […]
घाटशिला : घाटशिला और बंगाल सीमा पर शरणागत नक्सली संगठन के एक करोड़ का इनामी पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी के सचिव असीम मंडल उर्फ राकेश उर्फ आकाश जी दस्ते के प्रमुख सदस्यों का पलायन शुरू हो गया है. राहुल और उसकी पत्नी मीता के बाद शनिवार को सचिन और उसकी पत्नी मीता भी दस्ते से पलायन कर गये. ऐसे में राकेश जी को जोर का झटका लगा है. सवाल है कि आखिर अगली बारी किसकी है?
राकेशजी पर संगठन को बचाने का दबाव
किशन जी की मौत के बाद नक्सली संगठन का सर्वेसर्वा बने राकेश जी पर पिछले कई साल से संगठन को बचाने की जिम्मेवारी है. दोनों राज्यों की पुलिस के लगातार बढ़ते दबाव से राकेश जी अपने खुद के दस्ते को बचाने की कोशिश में जुटे हैं. उनके दस्ते में राहुल और सचिन जैसे दो तेज तर्रार नक्सली थे. कहा जाता है कि राहुल राकेश जी का दाहिना हाथ था, तो सचिन बांया हाथ. मगर विगत दिनों राहुल और उसकी पत्नी झरना ने दस्ते से पलायन कर बंगाल पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. इससे दस्ता काफी राकेश जी के दस्ते को जोर का झटका लगा.
राकेश के सरेंडर के बाद 13 सदस्य का दस्ता सुरक्षा में जुटा था
राहुल के सरेंडर करने के बाद राकेश जी अपने 13 सदस्यों वाले दस्ते के साथ पश्चिम बंगाल सीमा से सटे एमजीएम से लेकर घाटशिला थाना क्षेत्र के बीहड़ों में खुद की सुरक्षा में जुटे थे. यह दस्ता लगातार स्थान बदल रहा था. सूचना क्रांति, नोटबंदी
और प्रमुख साथियों के दस्ता छोड़ने से परेशान राकेश जी को राहुल और उसकी पत्नी झरना ने एक नया जख्म दिया. यह जख्म भरा नहीं था कि संगठन के गुड़ाबांदा दस्ता के बीजेओ-बीआरसी के सचिव कान्हू राम मुंडा और उसके छह साथियों ने सरेंडर कर एक और नया जख्म दे दिया. इस जख्म की मरहम पट्टी शुरू ही नहीं हुई कि उनके दस्ते का एक मात्र प्रमुख नक्सली सचिन अपनी पत्नी मीता के साथ पलायन कर गया.
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