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मुंबई ब्लास्ट मामले में अबू सलेम सहित दो को उम्रकैद, दो को फांसी व एक को दस साल की सजा

किसे किस समय हुआ सजा का एलान 1.00 PM:इस मामले मेंताहिरमर्चेंट और फिरोज खान को अदालत ने फांसी की सजा सुनायी. फिरोज खानदाऊद इब्राहिम के साथ मीटिंग में शामिल हुआ था. 12.55 PM:इस मामले में एक अन्य आरोपी रियादी सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनायी गयी है. 12.45 PM:अबू सलेम को उम्रकैद की सजासुनायी […]

किसे किस समय हुआ सजा का एलान

1.00 PM:इस मामले मेंताहिरमर्चेंट और फिरोज खान को अदालत ने फांसी की सजा सुनायी. फिरोज खानदाऊद इब्राहिम के साथ मीटिंग में शामिल हुआ था.

12.55 PM:इस मामले में एक अन्य आरोपी रियादी सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनायी गयी है.


12.45 PM:अबू सलेम को उम्रकैद की सजासुनायी गयी.उसे दो अलग-अलग मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है और ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. हालांकिउसे25 साल से अधिक जेल में नहीं रखा जा सकेगा. वह पुर्तगाल में भी चार साल जेल काट चुका है.

12.40 PM: इस मामले में करीमुल्लाह को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनायी है. जज फैसला पढ़ रहे हैं.


मुंबई : 1993 मुंबई बम धमाके मामले के दोषियों को आज मुंबई की टाडा विशेष अदालत ने सजा सुनायी. स्पेशल टाडा कोर्ट इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम समेत पांच दोषियों को सजा सुनायी.इसमेंअबू सलेम व करिमुल्ला को उम्र कैद की सजा सुनायी गयी, जबकि ताहिर मर्चेंट व फिरोज खान को फांसी की सजा सुनायी गयी. फिरोज खान वह शख्स है, जो मुंबई बम ब्लास्ट के लिए दाऊद इब्राहिम के साथ बैठक में शामिल हुआ था. वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी रियादी सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनायी गयी है. अबू सलेम को प्रत्यर्पण कर पुर्तगाल से लाया गया है और वहां के प्रत्यर्पण कानून के अनुसार, उसे 25 साल से अधिक जेल में नहीं रखा जा सकता है. वहां के कानून के अनुसार, उसे फांसी की सजा नहीं दी सकती थी. सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने इस मामले में कहा कि हम अबू सलेम के लिए पुर्तगाल के प्रत्यर्पण कानून की शर्तों के अनुसार, फांसी की सजा नहीं मांग सकते थे, इसलिए उसे उम्रकैद की सजा दी गयी है.अदालत परिसर में अबू सलेम हंसता हुआ देखा गया. बताया जा रहा है कि उसकी हंसी का कारण उसका इस बात के लिए आश्वस्त होना था कि उसेफांसी की सजा नहीं हो सकती है. हालांकि जब उसे उम्रकैद की सजा सुनायी गयी तो वह गंभीर हो गया.वह भारत की जेल में भी 12 साल काट चुका है, इस कारण अब उसे 13 साल ही जेल में रहना होगा.संभवत: उसकी हंसी का यह भी एक राज था.

आजइसमामलेमेंअदालत का फैसला आने पर मुंबई बम धमाकों के 24 साल बाद इसके पीड़ितों को आज इंसाफ मिला है. मालूम हो कि 12 मार्च 1993 को हुए सीरियल बम धमाकों में 257 लोग मारे गये थे और 700 से ज्यादा घायल हो गये थे. इन धमाकों में करीब 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गयी थी.

इस मामले में 16 जून, 2017 को न्यायाधीश जीए सनप ने अबू सलेम, मुस्तफा डोसा, करीमुल्लाह खान, फिरोज अब्दुल रशीद खान, रियाज सिद्दीकी और ताहिर मर्चेंट को धमाकों का षडयंत्र रचने के लिए दोषी माना था. जबकि एक अन्य आरोपी अब्दुल कयूम को इस मामले से बरी कर दिया था.

दोषियों की सजा पर हुई बहस के दौरान सरकारी वकील दीपक साल्वी ने डोसा, करीमुल्लाह खान, फिरोज खान और ताहिर मर्चेंट को मृत्युदंड और सिद्दीकी को आजीवन कारावास देने की मांग की थी. साल्वी ने कहा था कि वैसे तो अपराध को देखते हुए अबू सलेम को भी फांसी की सजा देनी चाहिए, लेकिन सरकारी वकील ऐसी मांग नहीं कर सकते क्योंकि भारतीय प्रत्यर्पण एक्ट इसमें आड़े आता है. इस ऐक्ट की धारा 34(सी) के तहत जिस देश से किसी आरोपी को प्रत्यर्पित किया जाता है उसे वहां फांसी नहीं दी जा सकती है. हालांकि साल्वी के मुताबिक, सलेम को आजीवन कारावास की सजा जरूर दी जा सकती है.

पहला मामला 2007 में हुअा था पूरा

इस मामले में सजा सुनाए जाने का यह दूसरा मामला होगा. पहला मामला 2007 में पूरा हुआ था, जिसमें 100 आरोपियों को दोषी माना गया था. इनमें याकूब मेमन और बाॅलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी शामिल थे. याकूब को पिछले साल फांसी दे दी गयी थी. सलेम और अन्य के विरुद्ध अलग-अलग मुकदमे चलाये गये थे क्योंकि ये आरोपी बाद में गिरफ्तार हुए थे

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