26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

नोट के बराबर महत्व होने के बाद भी परेशानी का सबब बना सिक्का

मुंगेर : इन दिनों एक, दो, पांच व दस रुपये के सिक्के देख छोटे से बड़े सभी दुकानदारों का आंख लाल-पीला हो रहा है. वे ग्राहकों से किसी सामान के बदले सिक्के ले ही नहीं रहे हैं. लिहाजा न के बराबर महत्व होने के कारण ग्राहकों के लिए ये सिक्के सरदर्द बन कर रह गये […]

मुंगेर : इन दिनों एक, दो, पांच व दस रुपये के सिक्के देख छोटे से बड़े सभी दुकानदारों का आंख लाल-पीला हो रहा है. वे ग्राहकों से किसी सामान के बदले सिक्के ले ही नहीं रहे हैं. लिहाजा न के बराबर महत्व होने के कारण ग्राहकों के लिए ये सिक्के सरदर्द बन कर रह गये हैं.

झोला भर दिया था, मुट्ठी भर भी नहीं ले रहे: बीते साल नवंबर महीने में नोटबंदी के बाद बैंक व डाकघरों ने लोगों को झोला भर-भर सिक्के दिए थे. नोट के अभाव होने के कारण इन सिक्कों का रोटेशन तो होता रहा.
लेकिन ये सिक्के वापस बैंक अथवा डाकघरों में नहीं जा सके. यहां मुट्ठी भर भी जमा नहीं लिया जा रहा है. जिससे यह लोगों व दुकानदारों के पास ही घूमता रह गया. आज स्थिति यह हो गई है कि न तो ग्राहक दुकानदार से और न ही दुकानदार से ग्राहक सिक्के लेना चाह रहे हैं. ग्राहकों का कहना है कि दुकानदार वापसी में सौ-सौ रुपये के रेजगारी सिक्के थमाने लगे हैं. जिससे उनकी जेब जरूरत से अधिक भारी होने लगी है. इधर दुकानदार का तर्क यह है कि उनके पास ग्राहकों के द्वारा दिये सिक्के काफी जमा हो गये हैं.
वे तो उन्हें ही देकर इसे खपाएंगे. छोटे दुकानदार कहते हैं कि थोक विक्रेताओं (होल सेलर) ने किसी भी तरह के सिक्के लेने से मनाही कर दी है. सिक्के लेकर जाने के बाद उन्हें कोई सामान नहीं दिया जा रहा है, जबकि होलसेलर का कहना है कि बैंक इन सिक्कों को जमा लेता ही नहीं है. पहले से ही उनके पास बोरा भर-भर सिक्का जमा हो गया है. वे उसे बढ़ा कर क्या करेंगे.
कहते हैं अधिकारी : भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक शशि कुमार पांडेय ने बताया एसबीआइ की शाखाओं में भारतीय रिजर्व बैंक की गाइड लाइन के अनुसार सिक्के स्वीकार किये जाते हैं. नियमानुसार एक, दो एवं पांच रुपये के अधिकतम 1000 रुपये तक की राशि के सिक्के लिये जाते हैं. जबकि 10 रुपये के सिर्फ 10 सिक्के ही एक दिन में लिये जाते हैं. उन्होंने बताया कि एसबीआइ मेन ब्रांच में क्वाइन वेंडिंग मशीन भी उपभोक्ताओं के लिए लगाये गये हैं. जिसका उपयोग किया जा सकता है़
सिक्का बना अभिशाप, क्वाइन वेंडिंग मशीन है खराब
1000 सिक्के गिनने में एक घंटा
इधर बैंकों की परेशानी इन सिक्कों के गिनने को लेकर है. बैंक के अधिकारियों ने दिसंबर महीने के आखिरी में ही कहा था कि जनवरी से सिक्के बैंक में जमा लिए जाने लगेंगे. लेकिन सितंबर माह तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी है. बैंक के अधिकारी कहते हैं कि उनके पास कर्मियों का अभाव है. जितनी देर में वे एक हजार रुपये के सिक्कों को गिनेंगे. उतनी देर में कतार में लगे दस बैंक उपभोक्ताओं का काम हो जायेगा. बैंक सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व एक उपभोक्ता ने अनुनय-विनय पर एक हजार रुपये का सिक्का जमा कराया. कैशियर को एक रुपये के एक हजार सिक्के गिनने में एक घंटा का समय लग गया. तब तक कतार में पीछे लगे सात बैंक उपभोक्ता वापस चले गये. बैंक ने बताया कि बैंक में जब तक काउंटर नहीं बढ़ाये जायेंगे या सिक्का जमा लेने का अलग काउंटर नहीं बनाया जाता है तब तक यह परेशानी बनी रहेगी.
केस स्टडी-1
प्रभात खबर की टीम मंगलवार को ग्राहक बन कर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पहुंची़ बैंक के काउंटर पर अपनी बारी आने के बाद बैंककर्मी को पांच सौ रुपये के सिक्के जमा करने को कहा गया़ जिस पर बैंक कर्मी ने कहा कि यहां सिक्का जमा नहीं लिया जाता है़ शिकायत लेकर जब बैंक के शाखा प्रबंधक रवि कुमार के पास गये तो उन्होंने बताया कि बैंक में सिक्का जमा नहीं लिया जा रहा है़ इस पर शाखा प्रबंधक ने जवाब दिया कि उनके बैंक में सिक्का जमा लेने पर बैन है़ उनके इस बयान को जब अखबार में प्रकाशित करने की बात कही गयी तो वे अपने बयान से पलटने लगे और कहने लगे कि यदि आप को अपना पैसा जमा करना है तो सौ-दो सौ तक का सिक्का जमा करवा सकते हैं.
केस स्टडी-2
प्रभात खबर की टीम पुन: ग्राहक बन कर पंजाब नैशनल बैंक की शाखा पहुंचा और काउंटर पर पांच सौ रुपये जमा करने को कहा़ जिस पर बैंक कर्मी ने जवाब दिया कि यहां पर ग्राहक को सिर्फ सिक्का दिया जाता है उससे सिक्का जमा नहीं लिया जाता है़ इस संबंध में जब शाखा प्रबंधक आरबी मंडल ने कहा कि उनके बैंक में उपलब्ध क्वाइन वेंडिंग मशीन खराब पड़ी हुई है़ इस कारण सिक्के को गिनने में काफी समय लग जाता है, वैसे जो ग्राहक ज्यादा जिद करते हैं उनसे एक दिन में दो सौ रुपये तक का सिक्का जमा लिया जाता है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें