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यूपी की योगी सरकार ने अपने कैलेंडर में ताजमहल को दी खास जगह

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग की पुस्तिका से ताजमहल को गायब किये जाने के विवाद के बीच योगी सरकार ने 2018 के अपने सालाना कैलेंडर में उसे खास तवज्जाे दी है. राज्य सरकार के सूचना विभाग ने 2018 के लिए जो कैलेंडर जारी किया है, उसमें ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के चित्र दिये गये […]

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग की पुस्तिका से ताजमहल को गायब किये जाने के विवाद के बीच योगी सरकार ने 2018 के अपने सालाना कैलेंडर में उसे खास तवज्जाे दी है. राज्य सरकार के सूचना विभाग ने 2018 के लिए जो कैलेंडर जारी किया है, उसमें ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के चित्र दिये गये हैं. इनमें आगरा का ताजमहल भी शामिल है. योगी ने ताज को भारतीय इतिहास से जोड़ते हुए पर्यटन की दृष्टि से भी इसे महत्वपूर्ण बताया है.

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, जुलाई के पन्ने पर ताज की तस्वीर के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी की तस्वीर दी गयी है. इस पन्ने पर युवा कल्याण की योजनाओं के साथ सबका साथ-सबका विकास नारा भी दिया गया है. दरअसल, भाजपा विधायक संगीत सोम के ताजमहल पर दिये गये बयान के बाद विपक्ष आक्रामक हो गया है.

इसे भी पढ़ेंः संगीत सोम ने ताजमहल को बुकलेट से बाहर करने को बताया ‘इतिहास बदलने का काम’, ओवैसी-अबदुल्ला बरसे

सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान ने पलटवार करते हुए सवाल उठा दिया कि अगर मुगलकाल में बनी इमारतों से परहेज है, तो प्रधानमंत्री लालकिले पर झंडा क्यों फहराते हैं. अभी यह जंग चल ही रही थी कि भाजपा सांसद विनय कटियार भी इस बहस में कूद पड़े और उन्होंने इसे भगवान शिव का तेजोमहल मंदिर बताते हुए कहा कि शाहजहां ने इसे अपनी पत्नी की याद में मकबरे में तब्दील कर दिया.

हालांकि, इसके पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा कि यह जरूरी नहीं कि ताजमहल का निर्माण किसने और क्यों किया? महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके निर्माण में भारत के मजदूरों ने अपना खून-पसीना बहाया है. सोम के विचार का उन्होंने कोई समर्थन नहीं किया.

सूचना विभाग के 2018 के कैलेंडर में योगी के साथ एक तस्वीर दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ दिनेश शर्मा की भी लगी है. इस कैलेंडर में जनवरी के पहले पन्ने की शुरुआत प्रयागराज-त्रिवेणी संगम की तस्वीर से हुई है. किसानों की कर्जमाफी और किसानों के हित में किये गये सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख किया गया है.

इस नये कैलेंडर में फरवरी के पन्ने पर अयोध्या राम की पैड़ी, मार्च में मथुरा बरसाने की होली, अप्रैल में पीलीभीत के गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब, मई में ललितपुर का देवगढ़ जैन मंदिर, जून में वाराणसी का सारनाथ स्तूप, अगस्त में रानी झांसी का किला, सितंबर में मथुरा का श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर, अक्टूबर में विंध्याचल का त्रिकोण दर्शन शामिल है.

इसके साथ ही, इस कैलेंडर में नवंबर में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और दिसंबर के पन्ने पर गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर का चित्र है. सभी पन्ने पर मोदी और योगी के साथ सरकार की छह माह में उपलब्धियों का वर्णन और विभागीय मंत्रियों की उपस्थिति दर्ज करायी गयी है.

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