फर्जीवाड़ा . भू-माफिया व कर्मियों की मिलीभगत से हो रहा तालाबों पर कब्जा
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लुप्त हो रहे पौआखाली में सरकारी तालाबें
फर्जीवाड़ा . भू-माफिया व कर्मियों की मिलीभगत से हो रहा तालाबों पर कब्जा अंचल प्रशासन की बेरुखी के कारण पौआखाली ग्राम पंचायत स्थित वार्ड नंबर 8 एवं 9 में तीन अति महत्वपूर्ण सरकारी तालाबों का अतिक्रमणकारियों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर अंचल प्रशासन को ही खुलेआम चुनौती दे डाली है. पौआखाली : अंचल प्रशासन […]
अंचल प्रशासन की बेरुखी के कारण पौआखाली ग्राम पंचायत स्थित वार्ड नंबर 8 एवं 9 में तीन अति महत्वपूर्ण सरकारी तालाबों का अतिक्रमणकारियों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर अंचल प्रशासन को ही खुलेआम चुनौती दे डाली है.
पौआखाली : अंचल प्रशासन की बेरुखी के कारण पौआखाली ग्राम पंचायत स्थित वार्ड नंबर 8 एवं 9 में तीन अति महत्वपूर्ण सरकारी तालाबों का अतिक्रमणकारियों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर अंचल प्रशासन को ही खुलेआम चुनौती दे डाली है. सबसे अचरज का विषय यह है कि खुद अंचल प्रशासन को इसकी भनक तक नही है और ना तो आजतक इसके लिए अंचल प्रशासन ने इस दिशा में कभी कोई जानकारी हासिल करने की इच्छा जाहीर की है. इन सरकारी तालाबों में वर्षा पूर्व से अतिक्रमण होता चला आ रहा है
साथ ही घरों, होटलों का गन्दा पानी बहाया व अन्य गंदगियों को फेंका जाता रहा है.गौरतलब हो कि पौआखाली राजस्व हाट है और इस हाट के अंतर्गत तीन बड़े-बड़े तालाबों का निर्माण वर्षों पूर्व किया गया था. किन्तु प्रशासन ने उन जलाशयों को जनहित के उपयोग हेतु आजतक ना कभी साफ-सफाई करवाया और ना ही मछली पालन या अन्य कार्य हेतु किसी व्यक्ति को लीज पर ही दिया. जिस कारण अतिक्रमणकारियों की नज़र उन जलाशयों पर गिद्ध दृष्टि की तरह जम गई और देखते ही देखते तालाबों को धीरे धीरे अतिक्रमणकारियों ने स्थानीय विभागीय कर्मियों की मिली भगत से कब्जे में करते हुए मिट्टी भराई कर अवैध निर्माण कराना शुरू कर दिया.
आज स्थिति यह है कि अतिक्रमण के कारण सरकारी तालाबों का आकार धीरे-धीरे घटता चला गया है जो एक छोटे- मोटे गड्ढे का शक्ल अख्तियार कर लिया है. गरीब तो गरीब धनाढ्य लोग भी सरकारी जलाशयों की जमीन को कब्जे में कर उनपर अवैध निर्माण कार्य कर रखा है. कई स्थानीय लोगों की माने तो इसके लिए अंचल प्रशासन खुद जिम्मेवार है जो कभी इन जलाशयों पर ध्यान नहीं दिया.
लोगों का कहना है कि प्रशासन चाहे तो आज भी इन अतिक्रमित जलाशयों को अतिक्रमण मुक्त कराकर इसकी साफ-सफाई कर ठाकुरगंज शहर स्थित सागढाला एवम भातढाला तालाबों के तर्ज पर सौन्दर्यकरण का कार्य करा सकती है. यहां एक बेहतर छठ घाट का निर्माण करा सकती है जिससे पौआखाली राजस्व हाट की रौनक भी काफी बढ़ जाएगी. किन्तु, इसके लिए प्रशासन को संवेदनशील होने जरूरत है एक ठोस और मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है. लेकिन यह सबकुछ प्रशासन पर निर्भर करता है.
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