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प्रभात खबर इम्पैक्‍ट : राज्यपाल खुद पालेंगी लुगनी के बेटे को

दुष्कर्म पीड़िता नि:शक्त लुगनी (बदला हुआ नाम) का दर्द प्रभात खबर में पढ़ने के बाद राज्यपाल द्रौपदी मुरमू काफी मर्माहत हो गयी और उन्होंने तय किया कि वह खुद लुगनी के बच्चे का भरन-पोषण करेंगी. उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी बात की और कहा कि इस प्रकार के बच्चों व पीड़िता के लिए सरकार […]

दुष्कर्म पीड़िता नि:शक्त लुगनी (बदला हुआ नाम) का दर्द प्रभात खबर में पढ़ने के बाद राज्यपाल द्रौपदी मुरमू काफी मर्माहत हो गयी और उन्होंने तय किया कि वह खुद लुगनी के बच्चे का भरन-पोषण करेंगी. उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी बात की और कहा कि इस प्रकार के बच्चों व पीड़िता के लिए सरकार संस्थागत प्रबंध करे. उधर, जस्टिस डीएन पटेल ने भी खबर पढ़ते ही डालसा जमशेदपुर की टीम और उपायुक्त से बात की. उपायुक्त ने तत्काल लुगनी और उसके बेटे को जमशेदपुर बुलाया. प्रशासन ने सहायता की घोषणा की. खबर पढ़ने के बाद कई लोगों ने लुगनी और उसके बेटे की मदद के लिए प्रभात खबर को फोन किया. प्रभात खबर ने एक सितंबर के अंक में पहले पन्ने पर गुड़ाबांदा स्थित जियान की लुगनी और उसके बेटे की कहानी प्रकाशित की थी. लुगनी के साथ नक्सली गुलाछ मुंडा ने दुष्कर्म किया था. इससे वह बिन ब्याही मां बन गयी थी. उसने बेटे को जन्म दिया था, जो अब करीब तीन साल का हो गया है. नि:शक्त लुगनी अपने बेटे का लालन-पालन करने में असमर्थ है, उसने अपने बेटे को किसी को गोद देने की इच्छा जतायी थी.
रांची : पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा स्थित जियान की लुगनी के बेटे का भरण-पोषण राज्यपाल द्रोपदी मुरमू करेंगी. राज्यपाल ने बच्चे का लालन-पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर होनेवाले खर्च का वहन स्वयं करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास मंगलवार को राज्यपाल से मिलने राजभवन गये. बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री ने लुगनी के साथ हुई घटना की जानकारी राज्यपाल को दी. घटना को अत्यंत अमानवीय और निंदनीय बताया. लुगनी की कहानी सुनने के बाद राज्यपाल ने कहा कि वह अत्यंत मर्माहत हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि इस प्रकार के बच्चों व पीड़िता के लिए सरकार संस्थागत प्रबंध करे. इस दिशा में सरकार कार्रवाई आरंभ करे, ताकि उन्हें आवास, भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की सुविधा प्राप्त हो सके. राज्यपाल के निर्देश पर राजभवन ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से संपर्क किया. पीड़िता और उसके बच्चे के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करने को कहा गया.
… और इधर शुरू हो गयी पहल
घर पर पहुंचा प्रशासनिक अमला जमशेदपुर लायी गयी लुगनी
झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल ने डालसा जमशेदपुर और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को मामले को गंभीरता से लेने का आदेश दिया. उपायुक्त डाॅ अमिताभ कौशल ने गुड़ाबांदा के बीडीओ अशोक कुमार को पीड़िता और उसके बेटे को जमशेदपुर लाने का आदेश दिया. इसके बाद मां-बेटे को बाल सुधार गृह लाया गया. यहां डालसा सचिव राजेश कुमार, जीके तिवारी, सीडीपीओ संध्या रानी, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की अध्यक्ष प्रभा जायसवाल, गुड़ाबांदा के बीडीओ अशोक कुमार मौजूद थे.
घर पर लगेगा चापानल मिलेगा ह्वील चेयर
लुगनी ने कमेटी के सामने बताया कि वह नि:शक्त है. अपने बेटे का पालन-पोषण नहीं कर पाती है. वह अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख पाती है. घर के आस-पास कुआं या चापानल नहीं है. उसे नहाने के लिए करीब दो किलोमीटर रेंग कर (हाथ के बल) जाना पड़ता है. सड़क जर्जर होने के कारण परेशानी होती है. इसके बाद कमेटी ने लुगनी के घर के पास सरकारी चापाकल लगाने का निर्देश गुड़ाबांदा के बीडीओ अशोक कुमार को दिया. उसे ह्वील चेयर भी दिया जायेगा.
मिलेगी आर्थिक मदद
उपायुक्त अमिताभ कौशल ने बताया कि सीडब्ल्यूसी के तहत आनेवाली स्पांसरशिप योजना के तहत बच्चे को प्रति माह दो हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है. राशि बच्चे के नाम से मां को दी जायेगी. उन्होंने बताया कि किसी बच्चे को स्पांसरशिप योजना के तहत लाभ मिलने का संभवत: राज्य में पहला मामला है.
लुगनी को विकलांग, गरीब और नक्सल पीड़ित होने के कारण कई सरकारी सुविधाएं मिलेंगी.
पीड़ित राहत अनुदान योजना (357-ए, सीआरपीसी) के तहत मदद पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है़ कागजातों की जांच के बाद निर्णय लिया जायेगा कि लुगनी को क्या-क्या मदद पहुंचायी जा सकती है़.

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