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डीसी ने की प्राइवेट स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक

देवघर : री-एडमिशन व मासिक शुल्क वृद्धि की शिकायत के बाद जिले के प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन के साथ उपायुक्त अमीत कुमार ने शुक्रवार को समाहरणालय सम्मेलन कक्ष में बैठक की. इसमें डीसी ने कहा कि सभी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (आरटीइ) एक्ट का अनुपालन नहीं हो रहा है. आरटीइ में री-एडमिशन व एनुअल […]

देवघर : री-एडमिशन व मासिक शुल्क वृद्धि की शिकायत के बाद जिले के प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन के साथ उपायुक्त अमीत कुमार ने शुक्रवार को समाहरणालय सम्मेलन कक्ष में बैठक की. इसमें डीसी ने कहा कि सभी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (आरटीइ) एक्ट का अनुपालन नहीं हो रहा है.
आरटीइ में री-एडमिशन व एनुअल मेंटेनेंश फीस का कोई प्रावधान नहीं है. आरटीइ के अनुसार ट्यूशन फीस का मतलब सभी प्रकार का फीस होता है. स्कूल प्रबंधन जो भी एनुअल फीस निर्धारित किये हैं, वह 12 माह में बांट कर टय़ूशन फीस में शामिल करें.
स्कूल प्रबंधन कंप्यूटर क्लासेस फीस, स्मार्ट क्लासेस फीस सहित डिफरेंट फीस के नाम पर अभिभावक को गुमराह करना बंद करें. स्कूल प्रबंधन बगैर पैरेंट्स-टीचर एसोसिएशन के ही स्कूलों में मासिक शुल्क में वृद्धि कर रहे हैं.
यह नियम के विपरीत है. सभी स्कूल प्रबंधन अभिभावक की शिकायत को नहीं सुनेंगे तो विवश होकर वो सड़क पर उतरेंगे ही. इसलिए एक्ट का अनुपालन करते हुए एक सप्ताह के अंदर स्कूलों में पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन कर मीटिंग करें.
जिस क्लास की फीस बढ़ायी जायेगी, उस बैठक में एसोसिएशन में उस वर्ग कक्ष के अभिभावक भी शामिल होंगे. बैठक में डीइओ शशि कुमार मिश्र, डीएसइ सुधांशु शेखर मेहता, रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ के सचिव स्वामी त्याग रूपानंद जी महराज, डीएवी पब्लिक स्कूल सातर के प्रिंसिपल डॉ आरसी शर्मा, डीएवी पब्लिक स्कूल कास्टर टाउन के प्रिंसिपल एके प्रखर, संत फ्रांसिस स्कूल देवघर के प्रिंसिपल फादर कुरियन सहित देवघर के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल व प्रतिनिधि उपस्थित थे.
स्कूल कैंपस में यूनिफॉर्म व बुक्स बेचने के लिए लेना होगा ट्रेड लाइसेंस
उपायुक्त ने स्कूल के प्रतिनिधियों से कहा कि अभिभावकों से शिकायत मिल रही है कि स्कूल प्रबंधन यूनिफॉर्म व बुक्स को लेकर दबाव बनाते हैं. स्कूलों के कैंपस के अलावा बाजार में चिह्न्ति दुकानों से ही यूनिफॉर्म व बुक्स लेने का दबाव बनाया जाता है. सभी स्कूल प्रबंधन इस प्रकार का धंधा छोड़ दें. अगर स्कूल प्रबंधन कैंपस में यूनिफॉर्म व बुक्स बेचते हैं, तो उन्हें ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य रूप से लेना होगा. बगैर ट्रेड लाइसेंस के कारोबार करने वाले स्कूल प्रबंधन मुश्किल में पड़ जायेंगे. अगर स्कूल प्रबंधन को कोई दिक्कत है तो बताएं. वरना अभिभावक से शिकायत मिलने पर सीधा कार्रवाई की जायेगी.
15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो शुल्क वृद्धि
डीसी ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया कि वे किसी भी सूरत में मासिक शुल्क में 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं करें. देवघर के चार-पांच स्कूलों के संबंध में अभिभावक की शिकायत मिली है कि वे टय़ूशन फीस में करीब 20 फीसदी का वृद्धि कर दिये हैं. इसलिए चेतावनी दी गयी है कि वो वृद्धि किये गये शुल्क में संशोधन कर लें, नहीं तो एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी. वहीं आरटीइ एक्ट के तहत प्राइवेट स्कूलों में इंट्री लेवल की कक्षा में 25 फीसदी सीटों पर बीपीएल कोटि के बच्चों का दाखिला सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. 21 अप्रैल तक वीकर सेक्शन के बच्चों का दाखिला के लिए विभागीय स्तर से हर संभव प्रयास किया जायेगा.
डीटीओ ने दिये प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को निर्देश
जिला परिवहन पदाधिकारी शशि प्रकाश झा ने बैठक में सभी प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को बसों के संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. डीटीओ ने कहा कि बस चलाने वाला ड्राइवर ट्रेंड होने के साथ-साथ उनके पास वाहन चलाने का लाइसेंस होना चाहिए. स्कूल बसों के परिचालन का परमिट 40 किलोमीटर तक का होता है. इसलिए सभी स्कूल प्रबंधन अपने-अपने परमिट को अपडेट कर लें. सुरक्षा नियमों का अनुपालन हर हाल में सख्ती से करें. अगर बच्चे ऑटो से आवागमन करते हैं तो उनके सुरक्षा का भी विशेष रूप से ख्याल रखा जाये.

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