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महागंठबंधन पर मोदी का हमला कहा, 25 साल का हिसाब दें लालू-नीतीश

महागंठबंधन पर मोदी का हमला : चाहे जितने दल साथ आ जाएं, नहीं रुकेगी हमारी विजय यात्रा ऋषि/ललित भागलपुर : पॉलिटिकल पंडित हवा का रुख पहचान लें, जनता जनार्दन का मिजाज पहचान लें, 25 साल में पहली बार बिहार की जनता ने विकास के लिए वोट करने का संकल्प लिया है. अब इस विजय यात्रा […]

महागंठबंधन पर मोदी का हमला : चाहे जितने दल साथ आ जाएं, नहीं रुकेगी हमारी विजय यात्रा
ऋषि/ललित
भागलपुर : पॉलिटिकल पंडित हवा का रुख पहचान लें, जनता जनार्दन का मिजाज पहचान लें, 25 साल में पहली बार बिहार की जनता ने विकास के लिए वोट करने का संकल्प लिया है. अब इस विजय यात्रा को कोई रोक नहीं सकता. ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हवाई अड्डा मैदान में आयोजित अपनी चौथी परिवर्तन रैली के दौरान कहीं. रैली में भारी भीड़ से उत्साहित प्रधानमंत्री ने कहा कि अब चाहे जितने दल इकट्ठे हो जाएं, कितना भी भ्रम फैला लें, बिहार की जनता किसी के भ्रम में आनेवाली नहीं है.
लगभग 45 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने राज्य की जदयू सरकार के साथ-साथ दो दिन पूर्व पटना में आयोजित महागंठबंधन की स्वाभिमान रैली पर जम कर निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि 25 सालों से जिन लोगों ने बिहार में राज किया है, उन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? महागंठबंधन द्वारा उनसे सवाल पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जब लोकसभा चुनाव के लिए पांच साल बाद दोबारा वोट मांगने आयेंगे, तो पाई-पाई का हिसाब देंगे.
14 माह बाद बिहार की याद आने के आरोप पर उन्होंने कहा कि याद उसे आती है, जो भूल जाता है. हम तो भूले ही नहीं. हर मौके पर बिहार सरकार को फोन किया, हरसंभव मदद की. प्रधानमंत्री ने उलटे सवाल किया कि क्यों नहीं वे अपना हिसाब दे रहे कि बिहार में विकास क्यों नहीं हुआ? बिजली क्यों नहीं मिली? उन्होंने कहा कि ये सरकार में बैठे लोग अपने काम और कारनामों का हिसाब देने के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए हम बिहार की जनता से अपील करता हूं कि वे उनलोगों से सवाल करें.
पूछें कि आपने कहा था कि 2015 तक मैं बिजली न दे पाया, तो वोट मांगने नहीं आऊंगा, पर क्या बिजली मिली और नहीं मिली, तो क्यों वोट मांगने आये हैं. उन्होंने कहा कि जो आज आपसे वादाखिलाफी कर रहे हैं, वे आगे पता नहीं क्या-क्या करेंगे. इसलिए इनका 25 साल का हिसाब चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरा में मैंने सवा लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की, तो उसकी वे दो-तीन दिनों तक आलोचना करते रहे. लेकिन जब जान लिया कि इस राज्य की जनता पर असर नहीं पड़ रहा, तो अपनी ओर से 2.70 लाख करोड़ के पैकेज का एलान कर दिया. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का पांच साल का बजट ढाई लाख से पौने तीन लाख करोड़ का है.
इसी खर्च को उन्होंने पैकेज के रूप में पेश कर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की ओर से सवा करोड़ पैकेज के अलावा अगले पांच साल में 14वें फाइनेंस कमिशन से बिहार को तीन लाख 74 हजार करोड़ रुपये मिलनेवाले हैं. इनमें से वे 2.70 लाख करोड़ पैकेज के रूप में खर्च दिखा दिया, तो बाकी एक लाख छह हजार करोड़ रुपये चारा में लगायेंगे क्या? उन्होंने कहा कि बिहार सरकार यहां की जनता की आंखों में धूल झोंक रही है.
बिहार में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में अमूमन सभी राज्यों में प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) की संख्या बढ़ी है, लेकिन बिहार में 2005 में जहां 101 पीएचसी थे, वहीं 2014 में घट कर इनकी संख्या 70 रह गयी है. केंद्र सरकार ने आरोग्य विकास के लिए बिहार सरकार को जो राशि दी थी, उनमें से 521 करोड़ रुपये बिहार सरकार खर्च नहीं कर पायी.
उन्होंने याद दिलायी कि चाहे नेपाल में भूकंप का समय हो, या कोसी में पहाड़ गिरने का मामला या फिर पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली में विस्फोट का मामला हो, हर बार मैंने बिहार सरकार को मदद की पेशकश की. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार में विकास की बात हो. इसके लिए उन्होंने एनडीए को वोट करने की अपील प्रधानमंत्री ने की.
इससे पूर्व रैली को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, खाद्य व आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान, कौशल विकास राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी, केंद्रीय सुक्ष्म एवं लघु राज्यमंत्री गिरिराज सिंह, पेट्रोलियम राज्यमंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मानव विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा, सांसद अश्विनी कुमार चौबे, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, सांसद सह बिहार भाजपा प्रभारी सीआर पाटील, भाजपा के बिहार प्रभारी नेता भूपेंद्र यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने भी संबोधित किया. मंच संचालन भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह कार्यक्रम के संयोजक शाहनवाज हुसैन ने किया.
बैकवर्ड जिलों की सूची देने में की गयी देरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट में किये गये विशेष प्रावधान का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार से मार्च में ही बैकवर्ड जिलों की सूची मांगी गयी थी. दो माह तक सूची नहीं मिलने के बाद मई में केंद्र सरकार ने पत्र लिख कर सूची की मांग की, इसके बावजूद अगस्त के अंतिम सप्ताह में सूची भेजी गयी. उन्होंने पूछा कि पैसे होने के बावजूद काम न हो, ऐसी सरकार को हटाना चाहिए कि नहीं?
बटन दबा कर इन लोगों को दें तिलांजलि
पटना में 30 अगस्त को महागंठबंधन की हुई स्वाभिमान रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिलांजलि सभा बताया और कहा कि इस रैली में लोहिया, जयप्रकाश व कर्पूरी ठाकुरी जैसे नेताओं के आदर्शों की तिलांजलि दे दी गयी. लोहिया के चेले सत्ता के स्वार्थ और सत्ता की भूख के लिए गांधी मैदान में उनलोगों के साथ बैठे थे, जिनका लोहिया ने जीवन भर विरोध किया था. जयप्रकाश नारायण ने जिस गांधी मैदान में संपूर्ण क्रांति का बिगुल बजाया, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लड़ाई लड़ी और फिर जिस कांग्रेस ने जयप्रकाश नारायण को जेल में ठूंस दिया, उसी जयप्रकाश जी की उंगुली पकड़ कर राजनीति की पाठशाला में आये लोगों ने उसी गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण को भी तिलांजलि दे दी. उन लोगों के साथ बैठे, जिन्होंने जयप्रकाश जी को जेल में बंद कर दिया.
प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता से आह्वान किया कि ऐसे लोगों को चुनाव में बटन दबा कर तिलांजलि दे दें. उन्होंने कहा कि गांधी मैदान में बिहार के भविष्य के बारे में, बिहार को कैसे आगे ले जाया जाये, इस पर चर्चा नहीं हुई, सिर्फ मोदी पर चर्चा हुई. उन्होंने चुटकी ली कि देश-दुनिया के नौजवान तो मोदी-मोदी करते हैं, गांधी मैदान में वे लोग भी मोदी-मोदी करते दिखे.

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