इमरान खान और उनकी पार्टी PTI पंजाब में बैन! शहबाज शरीफ की पार्टी ने विधानसभा में पास किया प्रस्ताव
Pakistan Punjab Assembly resolution ban Imran Khan PTI: पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा में शहबाज शरीफ की पार्टी ने इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को राजनीति से प्रतिबंधित करने की मांग की. इसका प्रस्ताव विधानसभा में बिना किसी प्रतिरोध के पारित हो गया, क्योंकि PTI सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया.
Pakistan Punjab Assembly resolution ban Imran Khan PTI: पाकिस्तान की सियासत में हलचल तेज हो गई है. मंगलवार को पंजाब विधानसभा ने एक विवादित लेकिन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित करते हुए जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को राजनीति से प्रतिबंधित करने की मांग की. यह प्रस्ताव सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के विधायक ताहिर परवेज ने पेश किया था. वोटिंग के दौरान PTI सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया, जिसके चलते प्रस्ताव बिना किसी प्रतिरोध के पारित हो गया.
यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया है जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुले तौर पर इमरान खान की आलोचना की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि खान लगातार सेना के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहे हैं और इससे देश की स्थिरता को चुनौती मिल रही है.
प्रस्ताव में पाकिस्तान आर्मी का गुणगान
विधानसभा में पेश प्रस्ताव में पाकिस्तान की रक्षा संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया. इसमें कहा गया कि वही संस्थाएं देश की सुरक्षा की गारंटी देती हैं और जिन्होंने “भारत जैसे पांच गुना बड़े शत्रु का सफलतापूर्वक मुकाबला किया है”, वे पाकिस्तान की अखंडता, सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता के लिए अनिवार्य हैं. प्रस्ताव के शब्दों में, देश उन संस्थाओं की वजह से सुरक्षित है जो हर मोर्चे पर राष्ट्र की रक्षा करती हैं. प्रस्ताव में इमरान खान और उनकी पार्टी PTI पर गंभीर आरोप लगाए गए. इसमें कहा गया कि इमरान खान कथित तौर पर “दुश्मन देशों के औजार के रूप में काम कर रहे हैं” और अपने बयानों से देश में जानबूझकर अराजकता फैला रहे हैं. प्रस्ताव में यह भी दावा किया गया कि खान की राजनीति पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक ढांचे के लिए खतरा बन चुकी है.
प्रस्ताव में नहीं है इमरान खान और पीटीआई का नाम
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, दिलचस्प बात यह है कि प्रस्ताव में न तो पीटीआई (PTI) का नाम विशेष रूप से लिया गया और न ही इमरान खान का. पंजाब विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंजाब की सूचना मंत्री अजमा बुखारी ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी पर प्रतिबंध लगाने या किसी प्रांत में राज्यपाल शासन लागू करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि पीटीआई की “हालिया गतिविधियाँ” अधिकारियों को उसी दिशा में धकेल रही हैं. उन्होंने कहा, “अगर पीटीआई ने अपना रुख नहीं बदला, तो सरकार पार्टी पर प्रतिबंध लगाने या राज्यपाल शासन जैसे विकल्पों पर विचार कर सकती है.”
प्रस्ताव में कठोर सजा का सुझाव
अंत में प्रस्ताव में यह मांग रखी गई कि ऐसे किसी भी नेता या संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वह राजनीतिक दल से हो या किसी गैर-राजनीतिक समूह से. प्रस्ताव में यह भी सुझाव दिया गया कि पाकिस्तान के हितों के खिलाफ काम करने वाले लोगों को कठोर सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी नेता या संगठन राज्य संस्थाओं पर हमले को राजनीतिक साधन के रूप में इस्तेमाल न कर सके. इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद पाकिस्तान की राजनीति में तनाव और बढ़ सकता है. PTI पहले ही इमरान खान की गिरफ्तारी और उन पर लगे आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है. अब इस नए प्रस्ताव ने आने वाले दिनों में राजनीतिक टकराव और गहरा होने की आशंका पैदा कर दी है.
भाषा के इनपुट के साथ.
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