वाशिंगटन : मशहूर तबलावादक उस्ताद जाकिर हुस्सैन का कहना है कि तबला उन दुर्लभ वाद्य यंत्रों में से एक है, जिन्होंने आज के दौर में भी अपनी वैश्विक अपील बरकरार रखी है. हुसैन ने इस सप्ताह उत्तरी अमेरिका में अपनी मास्टर ऑफ पर्कशन नामक प्रस्तुति श्रृंखला की शुरुआत की है.
उस्ताद जाकिर हुसैन ने कहा, तबला उन दुर्लभ और वाद्य यंत्रों में से एक है, जो आज के समय में और इस पीढी के साथ पूरी तरह से फिट बैठता है. यह ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसे दुनिया में हर जगह बेहद पसंद किया जाता है.
उन्होंने कहा, अगर आप टीवी, हॉलीवुड फिल्में, बॉलीवुड फिल्में देखते हैं तो पृष्ठभूमि में जो आवाज आ रही होती है, वह तबले की होती है. मैं ऐसी एक भी फिल्म नहीं जानता जिसमें तबले की आवाज न हो. उन्होंने कहा कि तबला बहुत से संगीतकारों, रीमिक्स कलाकारों, डीजे, रैपर, हिप हॉप वाले लोगों और गजल या कव्वाली में भारतीय लोगों या बॉलीवुड फिल्मों के लिए पसंदीदा वाद्य यंत्र बन गया है.
हुसैन ने कहा, इसलिए यह एक ऐसा यंत्र है जो संगीत की इन सभी विधाओं में फिट बैठता है. यह ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसे वैश्विक रुप से बेहद पसंद किया जाता है. ठीक उसी तरह, जैसे बॉन्गो ड्रम या ड्रम सेट को पिछले कुछ दशकों में पसंद किया जाता था. 63 वर्षीय संगीतकार को लगता है कि युवा तबला वादकों ने इस वाद्य यंत्र की प्रसिद्धि फैलाने में बहुत योगदान दिया है.
पद्म भूषण और पद्म श्री से नवाजे जा चुके हुसैन फिलहाल उत्तरी अमेरिका में कई शहरों के दौरे जाकिर हुसैन एंड मास्टर्स ऑफ पर्कशन पर हैं. इसकी शुरुआत ह्यूस्टन में 19 मार्च को हुई. इस यात्रा के तहत वह न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया के बर्कले, बोस्टन, शिकागो, टोरंटो, पोर्टलैंड, वाशिंगटन डीसी, विन्चेस्टर समेत कई शहरों में जाएंगे.