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पाक अदालत ने मुशर्रफ के खिलाफ अंतिम मामले में दी जमानत

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को 2007 में सैन्य अभियान के दौरान चरमपंथी लाल मस्जिद के धार्मिक नेता की मौत से जुड़े मामले में जमानत दे दी है. इस मामले में जमानत मिलने के बाद मुशर्रफ को 6 माह से ज्यादा की नजरबंदी से रिहाई मिलने की संभावना […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को 2007 में सैन्य अभियान के दौरान चरमपंथी लाल मस्जिद के धार्मिक नेता की मौत से जुड़े मामले में जमानत दे दी है. इस मामले में जमानत मिलने के बाद मुशर्रफ को 6 माह से ज्यादा की नजरबंदी से रिहाई मिलने की संभावना का मार्ग तैयार हो गया है.

इस्लामाबाद के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने मुशर्रफ को एक-एक लाख रुपए के दो जमानती बॉण्ड जमा कराने के निर्देश दिए. इस फैसले का अर्थ है कि 70 वर्षीय मुशर्रफ को सभी मामलों में जमानत मिल गई है. इन मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, बलूच नेता अकबर बुग्ती की हत्या और वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के मामले भी शामिल हैं. मार्च में स्वनिर्वासन से लौटने के बाद से मुशर्रफ पर ये मामले चलाए जा रहे थे. मुशर्रफ के वकील इलियास सिद्दीकी ने प्रेस ट्रस्ट को बताया, ‘‘उन्हें जमानत दे दी गई है. जल्दी ही वे आजाद होंगे.’’

मुशर्रफ अभी भी ‘एग्जिट कंट्रोल लिस्ट’ में शामिल हैं, जो उन्हें विदेश जाने से रोकती है. लेकिन उनकी पार्टी का दावा है कि वे जल्दी ही सक्रिय राजनीति में लौटेंगे. मुशर्रफ की ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी की प्रवक्ता आसिया इसहाक ने बताया, ‘‘चाहे उनका नाम सूची में हो या न हो, वे देश छोड़कर नहीं जा रहे हैं. वे जल्दी ही सड़कों पर नजर आएंगे और अपने राजनीतिक अभियान की शुरुआत करेंगे. जब वे यहां वापस आए थे, तो वे जानते थे कि वे कहां जा रहे हैं इसलिए अब उनके बाहर जाने का सवाल ही नहीं उठता.’’ लिपिक अब्दुल राशिद गाजी की हत्या के मामले में पुलिस पहले ही उन्हें ‘निदरेष’ घोषित कर चुकी है.

अभियोजन पक्ष के वकील तारिक असद ने इस जमानत को ‘गैर कानूनी’ करार देते हुए कहा कि इसे चुनौती दी जाएगी. मई में हुए आम चुनावों में भाग लेने के लिए लौटकर पाकिस्तान आए मुशर्रफ लगभग 6 माह से अपने आलीशान फार्महाउस में कैद हैं. उनकी सुरक्षा में 300 सुरक्षाकर्मी लगे रहे, जिनमें सैनिक और बंदूकधारी शामिल हैं.

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