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सीरिया में कोई भी कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र के तहत हो:मनमोहन

सेंट पीटर्सबर्ग : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सीरिया में कोई भी कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र के तहत की जानी चाहिए.अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर उनके रुसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं द्वारा सीरिया पर हमला नहीं करने का दबाव बढ़ाए जाने के बीच प्रधानमंत्री ने यह बात कही. जी 20 नेताओं के […]

सेंट पीटर्सबर्ग : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सीरिया में कोई भी कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र के तहत की जानी चाहिए.अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर उनके रुसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं द्वारा सीरिया पर हमला नहीं करने का दबाव बढ़ाए जाने के बीच प्रधानमंत्री ने यह बात कही. जी 20 नेताओं के बीती रात हुए रात्रिभोज में सीरिया का मुद्दा छाया रहा. रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रथम दिन की चर्चा की समाप्ति पर इसकी (रात्रिभोज)मेजबानी की, जिसमें ओबामा भी शरीक हुए.

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बताया कि प्रधानमंत्री ने यह विचार भी जाहिर किया कि विश्व समुदाय को सीरिया में रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.रात्रिभोज में शरीक हुए अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री ने जी 20 के अपने साथी नेताओं से यह भी कहा कि भारत रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की निंदा करता है, चाहे वह सीरिया में हो या दुनिया में कहीं और हो.सिंह ने नेताओं से यह भी कहा कि सीरिया में जो कुछ हुआ उस बारे में स्पष्ट होने की जरुरत है.

सीरियाई विपक्ष और पश्चिमी देश राष्ट्रपति बशर अल असद के सैनिकों पर 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरीय इलाके में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगा रहे हैं इस आरोप को सीरियाई सरकार ने खारिज कर दिया है. अहलूवालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों की टीम की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि सीरिया में जो भी कार्रवाई किए जाने की जरुरत है वह संयुक्त राष्ट्र के तहत की जानी चाहिए, न कि इसके दायरे से बाहर. अहलूवालिया ने बताया कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत सत्ता में किसी भी परिवर्तन के लिए लक्षित सशस्त्र कार्रवाई के पक्ष में नहीं है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा.

बैठक में यह भी कहा गया कि यदि कार्रवाई आवश्यक है तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इसकी अनुमति देनी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों की मौजूदा कोशिशों के बारे में जी 20 नेताओं को जानकारी दी जो मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं.

अहलूवालिया ने बताया कि बान ने संकेत दिए कि संयुक्त राष्ट्र टीम की रिपोर्ट देर सवेर आने की उम्मीद है. ओबामा ने राष्ट्रपति असद के सैनिकों पर दमिश्क के उपनगरीय इलाके में रासायनिक गैस के हमले में 1, 429 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया है. लेकिन असद ने इस हमले के लिए विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, जी 20 नेता शिखर सम्मेलन के दूसरे एवं आखिरी दिन भी सीरिया संकट के मुद्दे पर बंटे हुए हैं.

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