लंदन : तालिबान के जानलेवा हमले से बची पाकिस्तान की स्कूली बालिका मलाला युसूफजई ने बर्मिंघम में अपने नये घर में आज यूरोप के सबसे बडे पुस्तकालय का उद्घाटन किया. 16 वर्षीय मलाला को पिछले साल तालिबान के हमले के बाद क्वीन एलिजाबेथ हास्पिटल लाया गया था.
वह अब अपने परिवार के साथ बर्मिंघम में रहती है. बर्मिंघम में 18 करोड 90 लाख पाउंड के पुस्तकालय के उदघाटन पर मलाला ने कहा ‘‘ यह शहर इंग्लैन्ड की धडकन है. बर्मिंघम मेरे लिये काफी विशेष है क्योंकि गोली लगने के सात दिन बाद जब मैंने खुद को जिंदा पाया तो मैं यहीं थी. ’’
मलाला ने लाखों पुस्तकों के रखने के लिये बने शेल्फ में पाउलो कोहेलो की ‘‘द अल्केमिस्ट ’ को रखते हुए कहा ‘‘यह घटना साबित करती है यह शहर मुङो प्यार करता है और मैं इसे. ’’ मलाला ने समारोह के दौरान एक सांकेतिक पट्टिका का भी अनावरण किया और अभिलेखागार के लिये अपनी सदस्यता ग्रहण की. नई इमारत में शेक्सपियर मेमोरियल रुम भी है जिसमें 43000 पुस्तकों का संग्रह है.
तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली मलाला खुद पर हमले के बाद सुर्खियों में रही. उसे कई शांति पुरस्कार मिल चुके हैं. हाल में उसने अपनी कहानी प्रकाशित करने के लिये 30 लाख डालर के एक अनुबंध पर दस्तखत किये.