वाशिंगटन : अमेरिका में गत वर्ष हुए राष्ट्रपति चुनाव में रुस द्वारा कथित गडबडी किए जाने को लेकर ओबामा प्रशासन के दो शीर्ष अधिकारियों की कल कांग्रेस में गवाही होनी है. इस कारण इस मामले को लेकर एक बार फिर गहमागहमी का दौर शुरू हो गया है.
ट्रंप प्रशासन से निकाले जाने से पहले 10 दिन तक कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल रहीं सैली येट्स रुसी अधिकारियों के साथ पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फिन की बातचीत के बारे में जानकारी देकर व्हाइट हाउस पर नया दबाव बना सकती हैं. ओबामा प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जेम्स क्लैपर की भी इस बारे में गवाही होनी है कि क्या चुनाव में रुसी हस्तक्षेप था और क्या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम की रुस के साथ सांठगांठ थी.
इस मामले को लेकर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सदस्यों के बीच आपसी मतभेद के चलते कांग्रेस में इस मामले की जांच की जा रही है. चुनाव में रुसी हस्तक्षेप की पुष्टि होने से ट्रंप की चुनावी जीत पर खतरे के बादल मंडरा सकते हैं. ट्रंप ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सीबीएस को दिए एक साक्षात्कार में अमेरिकी खुफिया प्रमुख के इस निष्कर्ष को खारिज कर दिया कि रुस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के कम्प्यूटरों और सूचनाओं को हैक किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह चीन हो सकता है या कई अलग-अलग समूह हो सकते हैं.” ट्रंप ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ट्रंप:रुस की फर्जी कहानी चुनाव में हार का बचाव करने का डेमोक्रेट्स का बहाना है.”