पिनाराई विजयन
मुख्यमंत्री, केरल
केरल की पहचान उच्च साक्षरता दर, उच्च जीवन प्रत्याशा और लैंगिक समानता के लिए है. प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों में केरल अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा खर्च करता है. सुदूर दक्षिण के इस राज्य से उत्तर के राज्य काफी कुछ सीख सकते हैं. एक सितंबर को केरल में एलडीएफ सरकार के 100 दिन पूरे हो गये. इस अवसर पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक लेख के जरिये अपनी बात रखी है.
यह फिर से ओणम और बकरीद के मुबारक मौके हैं, जो हमें मानवता, मुहब्बत, भाईचारे और कुरबानी के संदेश देते हैं. यह एक संयोग ही है कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार इसी सुअवसर पर सत्ता में अपने प्रवेश के सौ दिन पूरे कर रही है, जब मलयाली समाज ओणम के रूप में समृद्धि का उत्सव मनाया करता है. एक तरह से यह संयोग पूरी तरह सार्थक सा सिद्ध हो रहा है. केरल की जनता ने हमें बहुत यकीन के साथ सत्ता सौंपी है, और मैं प्रारंभ में ही यह पूरी तरह साफ कर देना चाहता हूं कि हम इस विश्वास का मान रखने की दिशा में अत्यंत लगन के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
किसी भी सरकार के लिए सौ दिन एक बहुत छोटा अरसा होता है, फिर भी हमारी सरकार इसे अपने मूल्यांकन के प्रथम चरण के रूप में देखती है. अतः यह हमारी जिम्मेवारी बनती है कि हम अपनी जनता को यह अवगत करायें कि इस छोटी अवधि में भी हम क्या कुछ कर सके हैं एवं आगे और क्या करने जा रहे हैं. हमारा लक्ष्य यह है कि हम इस राज्य का दीर्घकालीन विकास सुनिश्चित करने के साथ ही समाज के वैसे हिस्से को फौरी राहत भी पहुंचा सकें, जो मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं.
हालांकि, हमारे वित्तीय संसाधन सीमित हैं, पर सरकार इसे हमारे लक्ष्य के आड़े न आने देने पर आमादा है, क्योंकि यदि हम पर्याप्त वित्त की प्रतीक्षा करते रहे, तो केरल सभी मामलों में पीछे पड़ जायेगा. यही वजह है कि सरकार ने राज्य में अवसंरचना विकास तथा पूंजी निवेश हेतु जहां एक ओर केरल अवसंरचना निवेश निधि बोर्ड (केआइआइएफबी) का पुनर्गठन किया है, वहीं दूसरी तरफ कर्ज माफी की योजनाएं भी चला रखी हैं. यहां यह गौर करने योग्य है कि हमने अगले पांच वर्षों के अंदर 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन इकठ्ठा करने हेतु एक अध्यादेश पारित करने के साथ ही कल्याण पेंशनों की दरों में भी इजाफा किया है.
हमारे सभी कार्यों में हमारी इसी दोहरी जिम्मेवारी की तसवीर दिखती है. हम पर्यावरण-अनुकूल विकास के लिए भी समर्पित हैं. जब केरल का जिक्र होता है, तो साफ जल निकायों एवं हरीतिमा से भरी-पूरी प्रकृति केवल हमारी कल्पना के विषय नहीं रह जाने चाहिए. विश्व की यह सर्वश्रेष्ठ भूमि अवश्य ही सबसे स्वच्छ भी होनी चाहिए. इस हेतु समन्वित योजनाएं विकसित की जा रही हैं.
हम अगले पांच वर्षों के दौरान केरल को कचरा-मुक्त कर देने के लिए जल्द ही उपयुक्त कदमों के आगाज करनेवाले हैं.
हमारी तात्कालिक योजना यह है कि केरल खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त दक्षिण भारत का पहला राज्य बने और हम यह आशा करते हैं कि 1 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री इसकी घोषणा कर सकेंगे. आधुनिक समाज के लिए तेज तथा सुविधाजनक परिवहन प्रणाली एक आत्यंतिक आवश्यकता है. भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डे के रूप में कन्नूर हवाई अड्डा अप्रैल 2017 तक चालू हो जायेगा. कोच्चि मेट्रो की तेज तरक्की से तो सभी वाकिफ ही हैं. हमारे राष्ट्रीय राजमार्गों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप 45 मीटर की चौड़ाई से युक्त करने की कोशिशें की जा रही हैं.
राज्य की बाकी सड़कों के पुनरुद्धार की योजनाएं भी तुरंत ही कार्यान्वित की जायेंगी. चूंकि केरल एक लंबे सागरतट के साथ ही अंतर्देशीय जलनिकायों से भी संपन्न है, हमने इस उद्देश्य से कोच्ची जल मेट्रो का निर्माण आरंभ किया है ताकि जल परिवहन प्रणाली भी विकसित की जाये. एक बार जब एलएनजी गैस पाइपलाइन परियोजना पूरी हो जाती है, तो तापशक्ति आधारित उद्योग उससे लाभान्वित हो सकेंगे. 1 मार्च, 2017 तक केरल को देश का पहला संपूर्ण विद्युतीकृत राज्य बनाने हेतु हम पूरा प्रयास कर रहे हैं. ये सभी बिंदु हमारी सरकार की कार्यकुशलता का संकेत देते हैं.
हम यह मानते हैं कि एक सुशिक्षित युवा पीढ़ी हमारे राज्य की संपदा है. हमारे बुद्धिमान युवाओं को इस हेतु प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है कि वे पढ़ाई के बाद सिर्फ एक जॉब से संतोष कर लेने की बजाय उद्यमी बन कर जॉब देनेवाले बन सकें. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उस युवा पीढ़ी में विश्वास का संचार करें, जो आधुनिक विज्ञान के द्वारा मुहैया की गयी अनेक संभावनाओं के लाभ उठाने को तत्पर है. 1,500 स्टार्टअप उद्यमों को संरक्षण प्रदान करने की योजना हमने इसी दिशा में आरंभ की है, जिनके लिए हमने 150 करोड़ रुपये सुरक्षित कर दिये हैं.
हमने बड़े आइटी फर्मों को केरल की ओर आकृष्ट करने की कोशिशें शुरू की हैं. हमारे वर्तमान आइटी पार्कों के निर्मित रकबे में हमने एक करोड़ वर्गफुट का इजाफा करने का फैसला किया है. हमने अपने सार्वजनिक उपक्रमों को भी लाभकारी बनाने के प्रयास शुरू किये हैं. यही नहीं, हम केंद्र के भी ऐसे उपक्रमों को, जो बंदी के कगार पर हैं, बचाने में सफल हो रहे हैं.
विकास के इन कदमों के साथ ही समाज के निचले तबके में कठिन हालात में जीते लोगों को राहत देते हुए उनका कल्याण सुनिश्चित करने से ही सच्चा विकास संभव है. इस हेतु मूल्यवृद्धि तथा मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाना होगा. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने हेतु 75 करोड़ रुपये की योजनाएं लागू की गयी हैं. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित करने हेतु केवल इसी वर्ष 150 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. सभी लोग सुविधापूर्वक ओणम तथा बकरीद के त्योहार मना सकें, यह निश्चित करने हेतु विशिष्ट बाजार स्थापित किये जा रहे हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को त्वरित गति से लागू करने के साथ सभी लंबित राशन कार्डों को छह माह के अंदर वितरित कर दिये जाने हेतु कार्य किये जा रहे हैं.
पारंपरिक क्षेत्रों के निर्धन तथा कठिनाई में पड़े कामगारों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जायेगी. 18,000 काजू कामगारों से किये गये हमारे वादे के मुताबिक हम पूर्व सरकार द्वारा बंद कर दिये गये सभी काजू कारखानों को फिर से खोल कर अत्यंत प्रसन्न हैं. इसी तरह, हमने मनरेगा को भी सुदृढ़ कर इसके द्वारा 1,000 करोड़ रुपयों के बराबर कार्यदिवसों का सृजन करने के कदम उठाये हैं. सभी कल्याण पेंशनों को बढ़ा कर हमने 1,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है, जिन्हें उनके पिछले सारे बकाये समेत लाभुकों के घरों तक पहुंचा दिया गया है. जून, 2016 से लागू बढ़ी दरों पर पेंशनों की पांच किस्मों की मार्फत 37 लाख लाभुकों को ओणम के पूर्व उनके घरों तक भुगतान पहुंचा देने के लिए कुल 3100 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. 13,000 खादी कामगारों के लिए उनकी न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की दिशा में कदम उठाये गये हैं. 10,000 परिवारों को राहत प्रदान करने हेतु एक व्यापक कर्ज माफी योजना लागू की गयी है.
अनुसूचित जातियों के 4,500 परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन देने का फैसला किया गया है. सरकार अनुसूचित जाति के 500 परिवारों के लिए घर बनाने तथा 10,000 परिवारों को विवाह सहायता प्रदान करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. अनुसूचित जाति परिवारों में घातक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के उपचार के सभी खर्चे भी राज्य सरकार द्वारा उठाने की योजना है. हम धर्मनिरपेक्षता से कोई भी समझौता नहीं करेंगे और इसे बरकरार रखने की दिशा में सब कुछ करेंगे.
महिलाओं की सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में एक है. जैसा आपको पता है, हमने महिलाओं के विरुद्ध सभी अपराधों को गंभीरता से लेकर दोषियों को सजा सुनिश्चित करायी है. हमने महिलाओं के लिए एक अलग विभाग खोलने का फैसला किया. सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छ शौचालयों के निर्माण की मांग पुरानी है. खासकर महिलाओं के उपयोग हेतु ऐसे शौचालयों के निर्माण के लिए बजटीय प्रावधान किये गये हैं. इसी तरह, आइएमए के साथ मिल कर ऐसी योजनाएं बनायी गयी हैं, ताकि मातृ तथा शिशु मृत्यु में कमी लायी जा सके.
पिछली सरकार के दौरान हमने समाज में भ्रष्टाचार की बाढ़ देखी थी. वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध अथक संघर्ष के बल पर सत्ता में आयी है. हम यह दोहराते हैं कि हम अपने वादे में कोई कमी न आने देंगे. कोई भी यह देख सकता है कि इस सरकार ने पुलिस तथा निगरानी दोनों की स्वतंत्रता सुनिश्चित की है. अपराधों की तेज तफ्तीश हो रही है और अपराधी तुरंत ही सजा भी पा रहे हैं. केरल पुलिस को नवीनतम वैज्ञानिक उपकरणों तथा तकनीकों से सुसज्जित कर भारतीय पुलिस बलों में सर्वश्रेष्ठ बल में रूपांतरित कर देने की योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं.
नौकरशाही में सुधार के लिए प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया गया है. केरल में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए इस आयोग के निर्देशों को लागू किया जायेगा और इ-गवर्नेंस को सक्षम बनाया जायेगा.
सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्र को आधुनिक बनाने के साथ ही कृषि संस्कृति को भी विकसित करना होगा, ताकि हमारे किसानों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जा सके. हमारी सरकार अतिक्रमित सरकारी जमीनों को पुन: हासिल करने के साथ ही नये अतिक्रमण को राेकने के लिए भी कदम उठायेगी. वायनाड में कृषि संकट समाप्त करने के लिए सरकार ने किसानों के लिए ऋण अदायगी पर स्थगन की घोषणा की है, इससे किसानों को राहत मिल रही है. कृषि कार्यों में लोगों की भागीदारी के माध्यम से विष-मुक्त सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं. इससे उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. केरल में धान भूमि एवं आर्द्र भूमि संरक्षण कानून, 2008 को कड़ाई से लागू करने का निर्णय लिया गया है.
प्राकृतिक संसाधनों को औने-पौने दाम पर बेचने के बढ़ते चलन को रोकने के लिए खेती के लिए अनुकूल बंजर जमीन में भी धान की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों के हित के लिए धान की खेती पर 385 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, ताकि किसानों को फायदा हो सके. धान की खरीद की 170 करोड़ रुपये की बकाया राशि भी सरकार ने चुका दी है. गलत आर्थिक नीतियों के कारण वर्तमान में रबर की खेती पर जो संकट उत्पन्न हो गया है, उससे निबटने के लिए सरकार 500 करोड़ रुपये उपलब्ध करायेगी.
हमारी नीति सभी कृषि उत्पादों के लिए सही कीमत सुनिश्चित करना और जहां इसकी कीमत तय नहीं है, वहां सही कीमत निर्धारित करना है.
आपको याद होगा कि बंद के कगार पर पहुंच चुके चार स्कूलों को सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है. 1,000 पब्लिक स्कूल, जो केरल के गौरव हैं और जहां आम लोगों के बच्चे पढ़ते हैं, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का विकसित किये जाने की योजना है. इससे गरीब परिवारों के बच्चों को कम शुल्क में गुणवत्ता अाधारित शिक्षा मिल सकेगी. हमारी नयी पीढ़ी जब अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा ग्रहण करेगी, तो भविष्य के लिए यह बहुमूल्य उपलब्धि होगी.
कला, खेल और संस्कृति के विस्तृत विकास के लिए सभी जिलों में कल्चरल कॉम्पलेक्स और मल्टीपर्पस इनडोर स्टेडियम खोले जायेंगे. हमारा उद्देश्य एक मजबूत, बुद्धिमान, सांस्कृतिक रूप से जागरूक और रचनात्मक समाज का निर्माण करना है. इसी क्रम में सबरीमाला मास्टर प्लान को लागू करने का काम भी जोर-शोर से चल रहा है. केरल के प्रवासी नागरिक, केरल की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पूरी तरह सरकार का साथ दे रहे हैं.
इस लिहाज से, यह सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि वह उन लोगों का पुनर्वास करे, जो अरब देशों से अपनी नौकरियां गंवा कर अपने घर लौट रहे हैं. ऐसे लोगों और उनके रिश्तेदारों की बेहतरी सुनिश्चत करने के लिए हम वचनबद्ध हैं.
जीशा, जिनकी पेरुम्बवूर में हत्या कर दी गयी थी, उनकी मां के लिए एक घर का निर्माण किया जा रहा है और इस घर को तय समय से एक दिन पहले उपलब्ध कराया जायेगा. वेलफेयर पेंशन की रकम को बढ़ाया जा रहा है. जैसा कि पहले घोषणा की गयी थी. चिंगम 1 में काजू फैक्ट्री फिर से खोली जा रही है और 37 लाख से ज्यादा लोगाें को 100 दिनों के भीतर उनके घर जाकर पेंशन का भुगतान किया जा रहा है.
सच तो यह है कि हमने बड़े पैमाने पर जो ऋण माफी योजना तैयार की थी, वह सब समाज के गरीब वर्ग के प्रति हमारी परवाह और प्रतिबद्धता को दर्शाती है. हमारे द्वारा किये गये वादे को पूरा करने का जो संकल्प लिया गया था, आपको हमारे आगामी कार्यक्रमों में उन सबकी झलक दिख जायेगी.
इस एलडीएफ सरकार की कोशिश एक नये केरल का निर्माण करना है, जो धर्मनिरपेक्ष, भ्रष्टाचार मुक्त और विकसित हो. मुझे विश्वास है कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने जो नारा दिया था और जो वादा किया था, उन्हें बहुत हद तक पूरा करने की स्थिति में हम पहुंच चुके हैं. यह सब इसलिए संभव हो सका है, क्योंकि हमारे सभी लोगों ने हमें पूरा सहयोग दिया है. अपने आगामी प्रयासों के लिए भी हम अपने समाज के सभी वर्गों से इसी प्रकार के सहयोग की अपेक्षा रखते हैं.
आइए, हम सब जाति-धर्म की परवाह किये बिना एकसूत्र में बंध कर रहें और केरल को एक समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर करें. साथ ही हम अपनी नयी पीढ़ी को भी आत्मनिर्भर बनाएं. आइए, हम सब एक नये केरल के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हो जाएं.
(अनुवाद : विजय नंदन)