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कोलकाता-मुंबई खतरे में, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दी गयी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की ताजा पर्यावरण रिपोर्ट भारत के लिए चिंताजनक है. रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर आगाह किया गया है कि समुद्रतल में इजाफा होने से वर्ष 2050 तक चार करोड़ भारतीयों की जान को खतरा पैदा हो सकता है. इसमें भी तेज शहरीकरण एवं इकोनॉमी ग्रोथ के चलते तटवर्ती बाढ़ से […]
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की ताजा पर्यावरण रिपोर्ट भारत के लिए चिंताजनक है. रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर आगाह किया गया है कि समुद्रतल में इजाफा होने से वर्ष 2050 तक चार करोड़ भारतीयों की जान को खतरा पैदा हो सकता है. इसमें भी तेज शहरीकरण एवं इकोनॉमी ग्रोथ के चलते तटवर्ती बाढ़ से मुंबई और कोलकाता के लोगों को सर्वाधिक खतरा है.
‘वैश्विक पर्यावरणीय पूर्वानुमान (जीइओ-6) क्षेत्रीय आकलन’ के अनुसार, जलवायु परिवर्तन का सबसे खराब प्रभाव प्रशांत और दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में होने का अंदेशा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2050 तक समुद्र की सतह में इजाफा से दुनिया भर में जिन 10 देशों की आबादी सर्वाधिक प्रभावित होगी, उनमें से सात देश एशिया प्रशांत क्षेत्र के हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित होनेवाले देशों की फेहरिस्त में भारत का स्थान सबसे ऊपर है.
बांग्लादेश, चीन और फिलीपींस भी होगा प्रभावित : समुद्र की सतह में इजाफा के चलते भारत के तकरीबन चार करोड़ लोग जोखिम में हैं, जबकि बांग्लादेश के ढाई करोड़, चीन के दो करोड़ और फिलीपींस के डेढ़ करोड़ लोगों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि एशिया में बसावट के तरीकों में परिवर्तन, शहरीकरण और सामाजिक-आर्थिक दर्जा ने जलवायु की चरम स्थितियों के खतरे और उससे दो-चार होने की आशंकाओं के चलते यह खतरा बढ़ा है. रिपोर्ट में कहा है कि विस्तार से गुजर रही शहरी बसावटों ने भी जलवायु परिवर्तन की चरम स्थितियों से होनेवाली घटनाओं से निबटने की तटीय प्रणालियों की क्षमता प्रभावित की है.
कोलकाता समेत उत्तर व दक्षिण 24 परगना में भारी बारिश की आशंका
पूर्व मेिदनीपुर में रोनू को लेकर चेतावनी
मछुआरों और पर्यटकों को सतर्क किया गया
नवान्न में आपात बैठक
सुंदरवन में भारी बारिश
कोलकाता/हल्दिया : दीघा सहित पूर्व मेदिनीपुर के तटीय इलाके में चक्रवाती तूफान रोनू को लेकर सतर्कता जारी की गयी है. बंगाल की खाड़ी के तटीय इलाकों में बारिश शुरू हो गयी है. मौसम विभाग के मुताबिक यह चक्रवात निम्नदबाव की सूरत में ओड़िशा के तट पर आ रहा है. इसका प्रभाव दक्षिण बंगाल के तटीय इलाकों में पड़ सकता है. दीघा, मंदारमणि, ताजपुर, शंकरपुर इलाकों में मछुआरों के अलावा पर्यटकों को भी प्रशासन की ओर से सतर्क किया गया है. अगले 48 घंटों तक समुद्री इलाकों से सुरक्षित दूरी बनाने की हिदायत दी गयी है.
प्रशासन को किया सतर्क
तूफानी चक्रवात से निबटने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. उन्होंने मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी व गृह सचिव मलय दे को फोन कर चक्रवात से निबटने के लिए पहले से ही तैयार रहने काे कहा है. मुख्यमंत्री ने समुद्र तटीय जिलाधिकारियों से भी फोन पर बात की और किसी भी आपदा से निबटने के लिए पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध करने को कहा है. मेयर शोभन चटर्जी ने भी जल निकासी विभाग के अधिकारियों को सतर्क किया है. उधर, मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, रोनू के प्रभाव के कारण शुक्रवार रात से ही राज्य के प्राय: सभी क्षेत्रों में भारी बारिश होने जबकि समुद्र तटवर्ती क्षेत्रों में बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की आशंका है
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