शारीरिक रूप से कमजोर होने के बाद भी पास्कल ने यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया और हाइड्रोलिक ब्रेक बनाने में सहयोग दिया. वैज्ञानिक होने के बाद भी वे भगवान को मानते थे.
फ्रेंच गणितज्ञ, भौतिकविद् व धार्मिक फिलॉस्फर ब्लेज पास्कल का जन्म 19 जून 1623 को हुआ था. बचपन से ही पास्कल शारीरिक रूप से कमजोर थे और अक्सर बीमार रहते थे. उसकी सेहत को देखते हुए उसके पिता उसे गणित से दूर रखना चाहते थे किंतु उसकी रुचि देखकर उन्होंने उसे गणित पढ़ने की इजाजत दे दी. उसके पिता सरकारी नौकरी करते थे.
पिता से मिली प्रेरणा
अपने पिता को अंकों से जूझते देखकर उसके मस्तिष्क में कैलकुलेटर बनाने का विचार आया और उसने पास्कलीन नामक पहला यांत्रिक कैलकुलेटर तैयार किया. गणित में उसने द्विपद गुणांकों की गणना के लिए पास्कल त्रिभुज की रचना की तथा उन गुणांकों के बीच एक गणितीय संबंध स्थापित किये.
उस समय के वैज्ञानिकों की मान्यता थी कि निर्वात का कोई अस्तित्व नहीं होता. ब्रह्मांड में कोई जगह खाली नहीं है, किंतु पास्कल ने वायु मंडलीय दाब पर प्रयोगों के समय पाया कि निर्वात का अस्तित्व वास्तव में है. उसने द्रव दाब से संबंधित एक महत्वपूर्ण नियम की खोज की, जिसके अनुसार द्रव सभी दिशाओं में सामान दाब लगाता है. आज इसी नियम का उपयोग करके हाईड्रोलिक ब्रेक बनाये जाते हैं, जो मोटर गाड़ियों व भारी वाहनों में इस्तेमाल होते हैं. साथ ही क्रे न जैसे उपकरणों में भी यही नियम इस्तेमाल होता है. पास्कल का ईश्वर में अटूट विश्वास था.
कई बार उसने अपनी रिसर्च इसलिए बीच में रोक दी, क्योंकि उसके विचार में ईश्वर उसके कार्य से खुश नहीं था. कई बार उसने अपने गणितीय हल के अंत में लिखा कि ईश्वर ने इसका हल स्वयं उसके स्वप्न में बताया है.
ब्लेज पास्कल
जीवनकाल : 1623-1662, फ्रांस