नयीदिल्ली : रेलवे ने अनुकूलतम निवेश निर्णय केलिए विश्लेषण प्रणाली के उपयोग को लेकरनयी टीम गठित की है और इसकेलिए कर्मचारियों एवं स्टार्टअप को अनुदान देने को लेकर 50 करोड़ रुपये का निर्धारण किया है. रेल बजट में किये गये इस प्रावधान का मकसद नवप्रवर्तन को बढ़ावा देना है. वित्त वर्ष 2016-17 केलिए रेल बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि निवेश निर्णय एवं परिचालन को अनुकूलतम बनाने को लेकर विस्तृत विश्लेषण केलिए अलग से परिवहन अनुसंधान एवं विश्लेषण केलिए विशेष इकाई :सूत्र: गठित की जाएगी. यह इकाई विभन्न क्षेत्रों में काम करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘इस टीम में पेशेवर विश्लेषक और वर्ग की सबसे अच्छी प्रौद्योगिकी प्रणाली शामिल की जाएगी.’ एक संगठन के रूप में भारतीय रेल हर साल 100 टेराबाइट्स डाटा संग्रह करता है, लेकिन इसके बावजूद इसका व्यापारिक लाभ के लिये ज्यादा विश्लेषण नहीं हो पाता है.
बजट में नवप्रवर्तन के लिए कर्मचारियों, स्टार्ट अप तथा वृद्धि उन्मुख छोटी कंपनियों को आंतरिक एवं बाह्य अनुसंधान हेतु अनुदान उपलब्ध कराने को लेकर 50 करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘वार्षिक आधार पर हम भारतीय रेल की सबसे कठिन समस्याओं का समाधान नवप्रवर्तन संबंधी चुनौतियों से करेंगे. यह पहल नवप्रवर्तन समिति द्वारा की जाएगी जिसमें प्रतिष्ठित निवेशक, भारतीय रेलवे राष्ट्रीय अकादमी, रेलेव बोर्ड के प्रतिनिधि शामिल होंगे तथा रतन टाटा की अध्यक्षता में ‘कायाकल्प’ के साथ मिलकर काम करेगी.’ टाटा की अगुवाई वाला कायाकल्प रेलवे की एक नयी नवप्रर्तन परिषद है जिसका गठन रेल नेटवर्क में सुधार तथा उसे बेहतर बनाने के बारे में नये-नये तरीकों के बारे में सुझाव देने केलिए प्रभु ने किया है.