अभिनेता आमिर ख़ान के ‘अतुल्य भारत’ के ब्रांड एंबेसडर पद से हटने के बाद इस पद के लिए कई दूसरे अभिनेताओं के नामों के कयास लग रहे हैं.
जहां अमिताभ बच्चन का नाम इस सूची में सबसे ऊपर है, वहीं अक्षय कुमार के नाम की भी चर्चा हो रही है और सोशल मीडिया पर मौजूद उनके फ़ैन बाक़ायदा अक्षय के नाम को प्रमोट कर रहे हैं.
अपनी फ़िल्म एयरलिफ़्ट से जुड़े तथ्यों से लेकर ‘अतुल्य भारत’ कैंपेन का चेहरा बनने की अपनी दावेदारी तक अक्षय ने बीबीसी के सभी सवालों के खुलकर जवाब दिए.
अक्षय कहते हैं, "मैं ऐसी कोई बात करता ही नहीं जिसकी मुझे जानकारी न हो और अगर फिर भी कोई मुझसे सवाल करता है तो मैं उसे साफ़ कह देता हूँ कि भाई मुझे नहीं पता."
असहिष्णुता के मुद्दे से किनारा करते हुए वह कहते हैं, "मैं बहुत सुरक्षित तरीक़े से खेलना पसंद करता हूँ क्योंकि क्या पता किसको क्या बात पसंद न आए. किसकी भावनाओं को किस बात से ठेस पहुंच जाए और यहाँ कोई भी, किसी पर, कुछ भी केस कर देता है."
अतुल्य भारत कैंपेन से जुड़ने के बारे में वह बोले, "वैसे तो यह फ़ैसला सरकार लेती है कि वो अपना ब्रांड एंबेसडर मुझे बनाना चाहती है या किसी और को, लेकिन अगर सरकार मुझे कहेगी तो मैं ख़ुशी-ख़ुशी इसे स्वीकार करूंगा."
उनके मुताबिक़, "यह प्रस्ताव सरकार ही दे रही है न, कोई गलत लोग या आतंकवादी ने तो नहीं दिया जिसे मैं मना करूँगा. सरकार के हर कैंपेन से, फिर वो चाहे अतुल्य भारत हो, पोलियो हो या फिर टीबी, मैं उसके साथ जुड़ना चाहूंगा."
बॉलीवुड सितारों की आजकल हॉलीवुड में काम करने की होड़ सी लगी है लेकिन अक्षय ख़ुद को इसके लिए फ़िट नहीं मानते.
वह कहते हैं, "हॉलीवुड में बड़ी-बड़ी फ़िल्मों में छोटे छोटे रोल करना, बड़े-बड़े कलाकारों के पीछे खड़े रहकर दो मिनट के लिए नज़र आना, इससे अच्छा तो मैं यही मज़े ले रहा हूं."
"छोटे से रोल के लिए हॉलीवुड जाऊंगा तो सबसे पहले आप लोग (मीडिया) ही मेरा मज़ाक उड़ाएंगे, यह कहते हुए कि अक्षय दो मिनट के लिए आया था और फिर ग़ायब हो गया. इसलिए मुझे अपनी खिल्ली नहीं उड़वानी."
वैसे बीते साल देशभक्ति से भरी दो फ़िल्में ‘बेबी’ और ‘हॉलीडे’ के बाद अक्षय एक और देशभक्ति से लबरेज़ फ़िल्म ‘एयरलिफ़्ट’ में दिखाई देंगे. ऐसे में क्या अक्षय अपनी इमेज एक देशभक्त हीरो जैसी बनाना चाह रहे हैं ?
अक्षय साफ़ करते हैं, "मेरे पिता आर्मी में थे और देशभक्ति मेरे खून में है. आज जहां लोग असहिष्णुता की बात करते हैं, ऐसे में यह भी ज़रूरी है कि इस तरह की फ़िल्में बनें जिनसे हम गर्व से कह सकें कि हम भारतीय हैं."
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