दक्षा वैदकर
एक दिन एक निर्धन बालक लकड़ी का गट्ठर लेकर शहर में बेचने आया. उसने लकड़ी के गट्ठर को इस कलात्मक ढंग से बांधा था कि एक सेठजी की नजर उस पर पड़ी. बांधने का वह तरीका उन्हें बहुत पसंद आया. सेठजी ने पूछा, बेटा! ये गट्ठर इतने कलात्मक ढंग से किसने बांधा है? उस लड़के ने उत्तर दिया, जी मैंने. सेठजी को विश्वास नहीं हुआ, तो उन्होंने कहा, क्या तुम इस गट्ठर को खोल कर ऐसे ही दोबारा बांध कर मुझे दिखा सकते हो? बालक ने चेहरे पर भीनी मुस्कान के साथ उत्तर दिया, हां-हां क्यों नहीं, बिल्कुल. उस बालक ने गट्ठर को खोला और तुरंत वैसे ही बांध कर दिखा दिया.
सेठजी उस बालक की एकाग्रचित्तता, लगन और प्रतिभा के कायल हो गये. उन्होंने उस बालक से कहा, बेटा तुम मेरे साथ चलो. मैं तुम्हें शिक्षा दिलवाऊंगा. उस लड़के ने कुछ देर सोचा और फिर चलने के लिए तैयार हो गया. सेठजी ने उस लड़के की शिक्षा का प्रबंध किया. वह स्वयं भी उसे पढ़ाते. थोड़े दिन बाद उस लड़के ने कुशाग्र बुद्धि के चलते उच्च शिक्षा हासिल कर ली. बड़ा होने पर यही बालक यूनान के महान दार्शनिक ‘पाइथागोरस’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ. बता दूं कि जिस सेठजी ने उस बालक की कला और लगन को एक दृष्टि में परखा था, वो थे यूनान के विख्यात तत्वज्ञानी ‘डेमोक्रीट्स’.
आज यह कहानी इसलिए, क्योंकि नये साल को सेलिब्रेट करनेवाले कई परिवारों के साथ मुझे ऐसे गरीब बच्चे नजर आये, जो उस परिवार के साथ ही रहते हैं, लेकिन नौकर की तरह. शहर में ऐसे कई परिवार हैं, जिनके घरों में छोटे बच्चे-बच्चियां काम करते हैं. वे खुद छोटे होने के बावजूद मालिकों के छोटे बच्चों को संभालते हैं, मॉल जाने पर सामान पकड़ते हैं और भाग-भाग कर घर का काम करते हैं. अमीर होने के बावजूद ये परिवार बच्चों को शिक्षा देने की बजाय उनसे ढेर सारा काम कराते हैं. ये बिना सोचे कि उस मासूम के दिल पर क्या गुजरती है. ऐसे परिवारों को चाहिए कि भले ही बच्चों से काम कराएं, लेकिन उन्हें शिक्षा भी जरूर दिलाएं, ताकि वे जीवन भर ये काम न करें.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
जो व्यक्ति छोटा-सा कार्य भी पूरी मेहनत के साथ करता है, उसी शख्स के अंदर महानता के बीज छिपा होता है. ऐसे लोगों को आगे बढ़ाएं.
हर बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा जरूर छिपी होती है. यह बड़ों का काम है कि उसकी प्रतिभा को पहचानें और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करें.फॉलो करें… फेसबुक पर www.facebook.com/successsidhi
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