उत्तर प्रदेश पुलिस की वीमेन पॉवरलाइन 1090 दिसंबर 31 की सुबह से प्रदेश के क़रीब साढ़े छह लाख मनचलों को नए साल से पहले एक अलग तरह का संदेश भेज रही है.
इसमें लिखा होगा, "आपका फ़ोन अभी भी निगरानी में है. आशा है आपका व्यवहार अब सुधर गया है. 1090 की ओर से नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं."
ये वो लोग हैं जिनके ख़िलाफ़ महिलाओं ने छेड़छाड़ करने, पीछा करने, अश्लील संदेश भेजने या कॉल करके तंग करने के आरोप लगाए हैं.
वीमेन हेल्पलाइन 1090 के आईजी नवनीत सिकेरा बताते हैं कि 2012 से अब तक उन्हें 6.42 लाख शिकायतें मिली हैं. उनके मुताबिक़ कभी-कभी एक ही व्यक्ति एक से ज़्यादा फ़ोन नंबर से अश्लील कॉल करता है, इसलिए नए साल की शुभकामनाएं 9.27 लाख फ़ोन नंबरों पर भेजी जाएंगी.
वे बताते हैं कि इस साल वीमेन पॉवर लाइन को 167278 शिकायतें मिली हैं.
शिकायत करने वाली महिलाओं की संख्या 4.96 लाख है, जिन्हें नए साल की बधाई के साथ 1090 की तरफ से यह आश्वासन मिलेगा कि हेल्पलाइन हमेशा उनकी मदद को तैयार है.
1090 वीमेन पावर लाइन एक कॉल सेंटर की तरह 24×7 काम करती है. इसमें तैनात 157 पुलिसकर्मियों में 124 महिलाएं हैं. शिकायतें सुनने का काम केवल महिला पुलिसकर्मी करती हैं. पुरुष सिर्फ़ परेशान करने वालों को डांटने और समझाने का काम करते हैं.
सेंटर का एक और सेक्शन यह देखता है कि शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई. शिकायतकर्ता से समय-समय पर जानकारी ली जाती है कि उनको फिर से तो परेशान नहीं किया गया.
इस दौरान न तो शिकायत करने वाली महिला को थाने जाना पड़ता है और न उनकी पहचान सार्वजनिक की जाती है.
उत्तर प्रदेश के किसी भी ज़िले से कोई भी महिला फ़ोन पर की जा रही अश्लीलता के ख़िलाफ़ 1090 पर शिकायत कर सकती है. शिकायतकर्ता से नंबर मिलते ही 1090 हरकत में आ जाता है. जिस नंबर से फ़ोन किया जाता है, उस पर कॉल करके पहले उस व्यक्ति को डांटा और समझाया जाता है.
इसके बाद भी अगर वह व्यक्ति आदत से बाज़ नहीं आता, तो उसे सज़ा दिलवाई जाती है.
शिकायतकर्ता और परेशान करने वाले का नंबर और उसके साथ पावर लाइन के पुलिसकर्मियों की पूरी बातचीत डेटाबेस में आ जाती है, जिसे अदालत में इस्तेमाल किया जा सकता है.
इलाहाबाद की एक महिला ने फॉलो अप में हुई बातचीत में बताया कि चार-पांच बार एक ही नंबर से फ़ोन करके उनको परेशान किया जा रहा था. इसके बाद उन्होंने 1090 की मदद ली. तब से उनके पास अश्लील फ़ोन आने बंद हो गए. इस कार्रवाई से वे पूरी तरह संतुष्ट थीं.
एक शिकायत पर 1090 के कर्मी दो महीने तक नज़र रखते हैं और तीन बार सही फ़ीडबैक मिलने पर ही केस बंद किया जाता है.
लखनऊ की ऋचा सिंह को अपना असली नाम देने में कोई आपत्ति नहीं है. वह बताती हैं कि स्कूटी से जाते हुए एक लड़के ने उन्हें छेड़ा. ऋचा ने उस युवक की गाड़ी के नंबर की फ़ोटो लेकर 1090 पर मदद मांगी. इस पर पुलिस ने युवक का पता लगाकर उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की.
1090 की साइबर सेल सोशल मीडिया पर भी नज़र रखती है. कई बार फ़ेसबुक पर भी युवतियों को ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से डाली गई अश्लील तस्वीरों वाले मामलों में भी सज़ा दिलवाई गई है.
फ़िलहाल किसी युवक को ग़लत शिकायत का शिकार बनाए जाने का कोई मामले सामने नहीं आया है.
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