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पेस्टिसाइड इंडस्ट्री में करें प्रवेश

देश ही नहीं विदेशों में भी एग्रो केमिकल्स और पेस्ट कंट्रोल सेक्टर काफी वृद्धि कर रहा है. इसके पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ रही है. अगर आप इस क्षेत्र में आने के इच्छुक हैं, तो बेहिचक इस ओर रुख कर सकते हैं. आइए जानें, इस क्षेत्र और इसके कोर्सो के बारे में विस्तार से.. कृषि […]

देश ही नहीं विदेशों में भी एग्रो केमिकल्स और पेस्ट कंट्रोल सेक्टर काफी वृद्धि कर रहा है. इसके पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ रही है. अगर आप इस क्षेत्र में आने के इच्छुक हैं, तो बेहिचक इस ओर रुख कर सकते हैं. आइए जानें, इस क्षेत्र और इसके कोर्सो के बारे में विस्तार से..

कृषि क्षेत्र की ओर बढ़ते रुझान ने फसलों का उत्पादन बढ़ाया है. उत्पादन बढ़ने के कारण किसानों, अनाजों के खरीदारों के सामने उसे संभालने, अनाज की सुरक्षा से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हुई हैं. इन स्थितियों में जन्म हुआ एग्रो केमिकल और पेस्ट कंट्रोल जैसे क्षेत्र का.

खेत-खलिहान हो या गोदाम, वहां पड़ी फसलें और अनाज की सुरक्षा कैसे हो, इसका गुर एग्रो केमिकल और पेस्ट कंट्रोल से जुड़े कोर्स से सीखा जा सकता है. इस क्षेत्र में कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं. स्नातक स्तर के कोर्सो में प्रमुख है बीएससी इन एग्रो केमिकल एंड पेस्ट कंट्रोल.

कोर्स की रूपरेखा
बीएससी इन एग्रो केमिकल एंड पेस्ट कंट्रोल के कोर्स में छात्रों को कीट की पहचान व उससे बचाव की अलग-अलग विधियों के बारे में बताया जाता है. साथ ही, प्रदूषण पर कैसे लगाम लगाया जाये, इस बारे में भी उन्हें जागरूक बनाया जाता है. इसकी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय में एप्लायड लाइफ साइंस के तहत होती है. एग्रो केमिकल और पेस्ट कंट्रोल से जुड़े कुछ सर्टिफिकेट और शॉर्ट टर्म कोर्स भी होते हैं. भारत सरकार के कृषि मंत्रलय द्वारा भी कई शहरों में शॉर्ट टर्म कोर्स करवाये जा रहे हैं.

न्यूनत योग्यता
इस क्षेत्र की ओर रुख करने के लिए विद्यार्थियों का 12वीं पास होना जरूरी है. 12वीं की मेरिट के आधार पर स्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश मिलने की उम्मीद की जा सकती है. अधिकांश कॉलेज में कट ऑफ सूची निकाल कर कॉलेज में दाखिला प्रदान किया जाता है. बस इतना ही नहीं आवेदकों का 12वीं में रसायनशास्त्र, बायोलॉजी के साथ पास होना जरूरी है. इसके बाद एग्रो केमिकल और पेस्ट कंट्रोल में स्नातक कर सकते हैं.

कैसा है पाठ्यक्रम
आमतौर पर कोर्स के पहले वर्ष में विज्ञान के अन्य कोर्सो की तरह जेनरल पेपर होते हैं. इसमें छात्र रसायनशास्त्र, बायोलॉजी, गणित व भौतिकी आदि के बारे में पढ़ते हैं. दूसरे वर्ष से पेस्ट यानी कीट से संबंधित चीजों को पढ़ते हैं. पहले वर्ष के बाद अगले दो वर्षो में छात्रों को इस कोर्स के बारे में अलग से बताया जाता है. उन्हें पेस्ट की पहचान व उस पर नियंत्रण कैसे करें, इसकी जानकारी दी जाती है.

खेतों, गोदामों, स्टोर व आवासीय जगहों पर रखे गये अनाजों को नुकसान से बचाने के रासायनिक उपचार बताये जाते हैं. उसके बाद छात्रों को इस्तेमाल में लायी जानेवाली विभिन्न तरह की खादों के बारे में भी जानकारी दी जाती है. उन्हें फंगिसाइड यानी फफूंदनाशी व हर्बिसाइड यानी शाकनाशी चीजों से अवगत कराया जाता है. फसलों में जगह-जगह उग आये जंगली पौधे व अवांछित पौधों को नष्ट करने की विधि बतायी जाती है. इनके बाद पौधे का उत्पादन, उसका विकास कैसे हो, इसकी जानकारी दी जाती है. अंतिम वर्ष में इस्तेमाल में लाये जानेवाले विभिन्न तरह के केमिकल्स से छात्रों को रू-ब-रू कराया जाता है. उनकी पहचान और पेड़-पौधों पर उनका इस्तेमाल कैसे करें, इस बारे में छात्र को बताया जाता है. केमिकल्स के विेषण की विधि, उसका फॉम्यरूलेशन ठीक बना है या नहीं, इनके बारे में पढ़ाया जाता है. एक और बात यह है कि केमिकल्स का इस्तेमाल कैसे हो, ताकि प्रदूषण न फैले, इस बारे में भी इस कोर्स के जरिये छात्रों को जानकारी दी जाती है. छात्रों को तीन वर्ष के अंदर थ्योरी और प्रैक्टिकल, दोनों से जुड़े पेपर देने होते हैं.

कैसी है आगे की राह
स्नातक स्तर के कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में उच्च कैरियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थी एमएससी भी कर सकते हैं और रिसर्च के क्षेत्र में भी जा सकते हैं. स्नातक के बाद छात्रों की मांग उन उद्योगों में होती है, जहां पेस्टिसाइड्स बनते हैं. आज इससे जुड़े कई उद्योग मुंबई, गुड़गांव, उदयपुर, बेंगलुरु, केरल आदि जगहों पर हैं. यहां कई कंपनियां छात्रों को फॉम्यरूलेशन के काम के लिए ले जाती हैं. अनुसंधान के लिए छात्र पेस्टिसाइड्स संबंधित कंपनियों में जाते हैं. छात्रों को खाद कंपनियों, कृषि संबंधी उत्पाद से जुड़ी कंपनियों, केमिकल बनानेवाले उद्योग-धंधे आदि के अलावा कृषि से जुड़े संस्थानों में रोजगार के विशेष अवसर मिलते हैं. कुल मिला कर विद्यार्थियों के सामने इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं.

मुख्य संस्थान

दिल्ली विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली.

वेबसाइट :www.du.ac.in

इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूसा कैंपस, नयी दिल्ली.

वेबसाइट :www.iari.res.in

श्रद्धानंद कॉलेज, नयी दिल्ली

वेबसाइट :www.ssncollege.com

शिवाजी यूनिवर्सिटी, महाराष्ट्र

वेबसाइट : www.unishivaji.ac.in

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