नयी दिल्ली : देश में हर 15 मिनट पर एक महिला से छेड़छाड़ होती है, हर 29 मिनट पर एक महिला से दुष्कर्म का मामला सामने आता है.
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार सामाजिक अनुसंधान केंद्र ने इस बात का आकलन करने के लिए अध्ययन किया कि महिलाओं को लेकर संवेदनशीलता के लिहाज से देश के चार राज्यों में स्थित पुलिस प्रशिक्षण अकादमियों ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्या कुछ शामिल किया.
विशेष प्रशिक्षण की जरूरत : उन्होंने बताया कि केंद्र ने कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं. इनमें से एक यह है कि हर प्रशिक्षण में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता का पाठ पढ़ाया जाये और राज्यों की जरूरत के हिसाब से विशेष प्रशिक्षण दिया जाये.
दुष्कर्म के मामलों की बाढ़ के बीच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्डस ब्यूरो के महिलाओं के प्रति अपराध संबंधी आंकड़े दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की एक रिपोर्ट में पेश किये गये हैं. आयोग ने सिफारिश की है कि पुलिस में हर स्तर पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की आवश्यकता है. यह काम सकारात्मक रूप से होना चाहिए ताकि पुलिस में कम से कम 33 प्रतिशत महिलाओं की संख्या हो.
समाज में जागरूकता फैलायी जाये : अधिकारी ने बताया कि गैर सरकारी संगठनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ायें और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को प्रकाश में लायें. साथ ही वे महिलाओं पर होने वाले अपराधों की जांच में पुलिस की सहायता भी करें.
पुलिस सहानुभूति से पेश आये : उन्होंने कहा कि विभिन्न सर्वे बताते हैं कि महिलाएं अक्सर हिंसा या क्रूरता के मामलों में पुलिस के पास जाना पसंद नहीं करतीं. ऐसे में आयोग का मानना है कि पुलिस को हर स्तर पर महिलाओं से जुडे मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाना आवश्यक है.