मां दुर्गा नारी शक्ति की प्रतीक हैं. हर नारी में मां दुर्गा बसती हैं. यहां हम आपको उन महिलाओं से रू-ब-रू करा रहे हैं, जो मां दुर्गा की ही तरह नारी शक्ति की प्रतीक हैं. महिलाएं उन्हें अपना आदर्श मानती हैं. चुनौतियों का सामना कर इन महिलाओं ने अपनी अलग पहचान बनायी है. महिला अधिकार के लिए कदम बढ़ाया है और अपने क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रही हैं. पेश है नारी शक्ति के प्रतीक की पहली कड़ी.
रांची: सुमन गुप्ता उस महिला का नाम है, जिसने राज्य में अपनी एक अलग पहचान बनायी है. धनबाद जैसे जिले में निर्भय होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है. अपराधी और असामाजिक तत्व उनसे नाम से कांपते हैं.
मानसिक शक्ति को तवज्जो
सुमन अपनी सफलता का श्रेय अपने मां-पिता और ईश्वर को देती है. बेशक उनका काफी समय बंदूक के साथ बीतता है, पर सुमन बंदूक की शक्ति से ज्यादा मानसिक शक्ति को तवज्जो देती हैं. सुमन महिलाओं की हमदर्द है. उनका मानना है कि महिलाओं की समस्या पुरुषों से जुड़ी है. उन्होंने एक पुलिस ऑफिसर से ज्यादा एक कांउसलर का काम किया. इसलिए महिलाओं की शिकायत पर दोषियों को जेल भेजने से बेहतर उनकी काउंसलिंग करना बेहतर समझती है. उन्हें लगता है कि काउंसेलिंग से परिवार टूटने से बच सकता है. सुमन ने ऐसे कई केस सुलझाये हैं और कई परिवारों को टूटने से बचाया . पति के सहयोग से अपने घर-परिवार को संवारा.
आइजी सुमन गुप्ता एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. पटना के छोटे कस्बे में पली बढ़ी. यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए कभी उनके पास पैसे तक नहीं थे. विपरीत परिस्थिति में भी यूपीएससी की तैयारी की और 1997 में लक्ष्य प्राप्त किया.
सुमन का कहना है कि सफलता के पीछे बहुत पीड़ा है. यदि आप महिला हैं, छोटे कस्बे से आती हैं, आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हैं, तो आपकी सफलता का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. मां-बाप को अगर आप कुछ देना चाहते हैं, तो आप अपनी सफलता से ही उन्हें कुछ दे सकते हैं. सुमन का मानना है कि अपने पद का दुरुपयोग तो कर सकते हैं, पर उसका सही उपयोग कर ज्यादा खुशी होगी.