22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जोखिम और साहस के बगैर जीवन है अधूरा

जिंदगी के हर मोड़ पर टाटा ग्रुप का साथ आपने हमेशा महसूस किया ही होगा. फिर चाहे बात खाने की हो या कपड़ों की या घर से लेकर गाड़ी तक की हो. टाटा ग्रुप को एक मुकाम देनेवाले रतन टाटा का सफरनामा आपके जीवन को भी ऐसा मुकाम प्राप्त करने की प्रेरणा देने का माद्दा […]

जिंदगी के हर मोड़ पर टाटा ग्रुप का साथ आपने हमेशा महसूस किया ही होगा. फिर चाहे बात खाने की हो या कपड़ों की या घर से लेकर गाड़ी तक की हो. टाटा ग्रुप को एक मुकाम देनेवाले रतन टाटा का सफरनामा आपके जीवन को भी ऐसा मुकाम प्राप्त करने की प्रेरणा देने का माद्दा रखता है.

कामयाबी की राह
‘वैश्विक स्तर पर भारत ने अपना विश्वास खो दिया है और सरकार इसे पहचान दिलाने में धीमी गति से काम कर रही है.’ उद्योगपति रतन टाटा (पूर्व चेयरमैन, टाटा ग्रुप) ने पिछले दिनों ही यह बयान दिया है. देश की स्थिति पर इतना बेबाक बयान देने की हिम्मत उसी शख्स में हो सकती है, जो खुद को साबित कर चुका हो. अपने कार्यकाल में टाटा ग्रुप को ऊंचाई तक पहुंचानेवाले रतन टाटा के सफर के कुछ ऐसे बिंदुओं को आपके सामने ला रहे हैं, जो आपको भी आगे बढ़ने की प्रेरणा और हिम्मत देंगे.

जिंदगी के हर मोड़ पर साहस केा दामन थामे रहना रतन टाटा को बखूबी आता था. तभी तो उन्होंने एक बार कहा था कि अगर तुम मेरे सिर पर बंदूक लगा कर, उसका घोड़ा दबा दोगे या बंदूक हटा भी लोगे, तब भी मैं पीछे नहीं हटूंगा. वे हमेशा सफल व्यक्तियों की प्रशंसा करते थे. पर वे सफलता के पीछे अंधे नहीं थे. उनके अनुसार, ‘अगर सफलता बेहद क्रूरता के रास्ता पर चल कर प्राप्त की गयी है, तो मैं उस व्यक्ति की प्रशंसा कर सकता हूं, पर उसकी इज्जत कभी नहीं करूंगा.’ जब भी उनसे उनके द नैनो प्रोजेक्ट्स के बारे में बात की जाती है, तो वे बस यही कहते हैं कि इस प्रोजेक्ट से साफ है कि अगर व्यक्ति सच में कुछ करने का इरादा पक्का कर ले, तो वह उसे हासिल कर ही लेता है.

हमेशा बड़ा सोचो
रतन टाटा कहते हैं, ‘हम सब छोटा सोचते हैं. अगर हम अपने चारों ओर देखें, तो पायेंगे कि लोग कितनी बड़ी सोच रखते हैं. चीन जैसे देश को ही लीजिए. सिर्फ बड़ी सोच से उसने कितना विकास कर लिया. मैं सभी से कहना चाहता हूं कि आनेवाले वर्षो में हमें बड़ा सोचना होगा, धीरे-धीरे बढ़नेवाली चीजों के बारे में न सोचें. ऐसी चीजों के लिए सोचें, जो असंभव दिख रही हों, क्योंकि अगर आप उसे करने का मन बना लेते हैं, तो उसे करना असंभव नहीं होता और हम उसे पूरी हिम्मत से पूरा करते हैं. इसी हिम्मती जज्बे और बड़ी सोच से भारत को आज के मुकाबले आनेवाले समय में बहुत आगे ले जाया जा सकता है.’

साथियों का साथ रखें बरकार
रतन टाटा कहते हैं कि कंपनी में काम करनेवाले साथी आपके साथ जुड़े रहें, इसके लिए आपको बस उनका काम और रोज की क्रियाओं को सामने आने का मौका देना चाहिए. इससे सभी लोग नहीं रुकेंगे. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा साथियों को कुछ अधिकार और उनके पर जिम्मेदारियां देनी चाहिए, जिससे वे संतुष्ट और प्रेरित हों. इससे वे आपके प्रतियोगी की टीम में शामिल नहीं होंगे.

रिस्क लेना भी है जरूरी
जब भी कभी रिस्क लेने की क्षमता और उसे व्यवसाय में लागू करने की बात रतन टाटा से की जाती है, तो वे कहते हैं कि बिजनेस की फिलॉस्फी में रिस्क एक अहम हिस्सा है. आप रिस्क के विरुद्ध रह सकते हैं. पर ऐसी स्थिति में आप पुच्छल तारे का चक्कर लगाते रह जायेंगे और जस का तस बने रहेंगे. वहीं दूरदर्शी, चौकस और बड़े-बड़े रिस्क लेकर बिजनेस में आप जल्द विकास कर सकते हैं, आगे बढ़ सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें