फोटो: 5(बैठक में भाग लेते फोरम के सदस्य) प्रतिनिधि, जमुईटीबी फोरम के सदस्यों की एक बैठक मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सूची प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में जुटे सदस्यों से श्री सिंह ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना, लगातार वजन घटना, शाम में तेज बुखार आना और बलगम में खून आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं. राज्य सरकार के द्वारा टीबी मरीजों को तीन श्रेणी में बांट कर इलाज की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि यह रोग छींकने और खांसने से संक्रमण से फैलता है. ममता के सहायक कार्यक्रम प्रबंधक डॉ आलोक कुमार सिंह ने कहा कि टीबी से बचाव हेतु सबसे पहले सुदूर क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के वैसे लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है, जो आर्थिक और शैक्षणिक रूप से कमजोर है. बगैर जागरूकता के इस पर रोक लगाना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा अब बलगम जांच के लिए सदर अस्पताल परिसर स्थित यक्ष्मा जांच केंद्र में मशीन लगाने की स्वीकृति प्रदान की जा रही है. जिससे लोगों के इलाज में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि जिले के माधोपुर, सिमुलतला, मलयपुर व खैरा प्रखंड के गरही तथा केवाल में यक्ष्मा जांच हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है. इस अवसर पर ममता के जिला समन्वयक प्रफुल्ल वर्मा, तकनीकी पर्यवेक्षक महेंद्र सिंह, निर्वल कुमार सिंह, रामाशीश सिंह, शंकर सिंह व संजीव सिंह आदि मौजूद थे.
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टीबी फोरम के सदस्यों की त्रैमासिक बैठक
फोटो: 5(बैठक में भाग लेते फोरम के सदस्य) प्रतिनिधि, जमुईटीबी फोरम के सदस्यों की एक बैठक मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सूची प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में जुटे सदस्यों से श्री सिंह ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक […]
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