23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भविष्य की मुश्किलों का संकेत

* पाकिस्तान का दुस्साहस भारत–पाकिस्तान के बीच रिश्तों के सामान्य होने की हर उम्मीद सीमा पार से की जानेवाली बर्बर कार्रवाइयों से पैदा होनेवाले गुबार में दब जाती है. सोमवार देर रात जम्मू–कश्मीर के पुंछ सेक्टर में चक्कां दा बाग इलाके में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय चौकी पर भीषण हमला किया गया. इसमें पांच भारतीय […]

* पाकिस्तान का दुस्साहस

भारतपाकिस्तान के बीच रिश्तों के सामान्य होने की हर उम्मीद सीमा पार से की जानेवाली बर्बर कार्रवाइयों से पैदा होनेवाले गुबार में दब जाती है. सोमवार देर रात जम्मूकश्मीर के पुंछ सेक्टर में चक्कां दा बाग इलाके में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय चौकी पर भीषण हमला किया गया. इसमें पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गये.

कुछ महीने पहले पुंछ सेक्टर में ही भारतीय सैनिकों का सिर काट कर ले जाने की घटना के बाद किया गया यह हमला दोनों देशों के बीच आपसी मित्रता की उम्मीदों पर ग्रहण लगानेवाला है. इस घटना के बाद स्वाभाविक तौर पर विभिन्न तबकों से यह मांग आयी है कि भारत को पाकिस्तान से किसी भी किस्म की वार्ता को तत्काल स्थगित कर देना चाहिए.

पाकिस्तान से वार्ता करने या करने का सवाल अपनी जगह पर है, लेकिन फिलहाल इससे भी बड़ा सवाल भारतीय उपमहाद्वीप में करवट ले रहे राजनीतिक समीकरण के हिसाब से तैयारी कर पाने में हमारी नाकामी का है. पिछले एक वर्ष में सीमापार से युद्धविराम उल्लंघन और घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं. इसके पीछे 2014 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की प्रस्तावित वापसी का हाथ माना जा रहा है.

पिछले दिनों ही लश्करेतैयबा के सरगना हाफिज सईद ने कहा था कि वह अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद भारत में आतंकी ऑपरेशन को बढ़ाना चाहता है. उसका मकसद कश्मीर में ज्यादा से ज्यादा अशांति पैदा करना है. बताया जा रहा है कि भारतीय चौकी पर हमला करनेवाले वास्तव में पाक सैनिकों की वर्दी में लश्करे तैयबा के जिहादी थे. यह हमला हमसे अफगानिस्तान मामले को गंभीरता से लेने की ताकीद कर रहा है, क्योंकिउसके भविष्य से कश्मीर की शांति जुड़ी है. लेकिन, लगता है कि भारत की सरकार अपनी सारी उम्मीदें तालिबानअमेरिका वार्ता पर टिकाये हुए है. उसे भरोसा है कि इस वार्ता से शांति का खाका बनाया जा सकेगा.

यह खुद को छलावे में रखने जैसा है. और अगर इसका प्रमाण देखना हो, तो सिर्फ पुंछ ही नहीं पिछले दिनों अफगानिस्तान के जलालाबाद में भारतीय उच्चयोग को उड़ाने की आतंकी कोशिशों की ओर भी देखना चाहिए.

दरअसल जलाबाद के बाद पुंछ की घटना हमें भविष्य की कठिन चुनौतियों के प्रति आगाह कर रही है और यह चेतावनी दे रही है कि अगर पाकिस्तान की जमीन पर पलनेवाले आतंकवाद से लड़ने के पुख्ता उपाय समय रहते नहीं किये गये, अगर अफगानिस्तान की मुश्किल पहेली को सुलझाया नहीं गया, तो इसका खमियाजा हमें इसी तरह अपने सैनिकों की जिंदगी से चुकाना पड़ेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें