दक्षा वैदकर
एक बार कुछ वैज्ञानिकों ने 5 बंदरों को एक बड़े से पिंजरे में बंद कर दिया और बीचों-बीच एक सीढ़ी लगा दी, जिसके ऊपर केले लटक रहे थे. एक बंदर की नजर केलों पर पड़ी, वो उन्हें खाने के लिए दौड़ा.
जैसे ही उसने कुछ सीढ़ियां चढ़ीं, उस पर ठंडे पानी की तेज धार डाल दी गयी. इतना ही नहीं, वैज्ञानिकों ने एक बंदर के किये की सजा बाकी बंदरों को भी दे डाली और सभी को ठंडे पानी से भिगो दिया. बेचारे बंदर कोने में दुबक कर बैठ गये. कुछ समय बाद एक दूसरे बंदर को केले खाने का मन किया. उसके साथ भी वही हुआ. इस बार भी इस बंदर के गुस्ताखी की सजा बाकी बंदरों को भी दी गयी.
सभी ठंडे पानी से भीग गये. थोड़ी देर बाद जब तीसरा बंदर केलों के लिए लपका, तो बाकी के बंदर उस पर टूट पड़े और उसे केले खाने से रोक दिया, ताकि एक बार फिर उन्हें ठंडे पानी की सजा ना भुगतनी पड़े.
अब वैज्ञानिकों ने एक और रोचक काम किया. अंदर बंद बंदरों में से एक को बाहर निकाल दिया और एक नया बंदर अंदर डाल दिया. नया बंदर वहां के रूल्स क्या जाने. वो तुरंत ही केलों की तरफ लपका. पर बाकी बंदरों ने झट से उसकी पिटाई कर दी. उसे समझ नहीं आया कि आखिर क्यों ये बंदर खुद भी केले नहीं खा रहे और उसे भी नहीं खाने दे रहे. खैर उसे भी समझ आ गया कि केले सिर्फ देखने के लिए हैं खाने के लिए नहीं. इसके बाद वैज्ञानिकों ने एक और पुराने बंदर को निकाला और नया अंदर कर दिया. इस बार भी वही हुआ नया.
बंदर केलों की तरफ लपका पर बाकी के बंदरों ने उसकी धुनाई कर दी और मजेदार बात ये है कि पिछली बार आया नया बंदर भी धुनाई करने में शामिल था. जबकि उसके ऊपर एक बार भी ठंडा पानी नहीं डाला गया था.
दोस्तो, हमारी सोसायटी भी ऐसी ही है. जब भी कोई नया काम शुरू करने की कोशिश करता है, उसके आसपास के लोग उसे ऐसा करने से रोकते हैं. रोचक बात ये है कि उसे रोकने वाले अधिकांश लोग वे होते हैं, जिन्होंने खुद उस फील्ड में कभी हाथ भी नहीं आजमाया होता.
बात पते की..
यदि आप भी कुछ नया करने की सोच रहे हैं और आपको भी आसपास के लोगों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है, तो संभल कर रहें.
आप बस अपने दिल की आवाज सुनें. खुद पर विश्वास रखें और अपने लक्ष्य पर विश्वास कायम रखें. नया काम करने से घबराएं नहीं.