रांची, जमशेदपुर: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार को शांतिपूर्ण ढंग से रिकॉर्ड 65.46 फीसदी वोट पड़े. मतदान का यह प्रतिशत 2009 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में छह फीसदी अधिक है. अधिकांश इलाके नक्सल-उग्रवाद प्रभावित होने के बावजूद ग्रामीणों क्षेत्रों में शहरी क्षेत्र से अधिक लोग वोट देने निकले. सुरक्षा की चुस्त व्यवस्था रही. मामूली घटनाओं व इवीएम में खराबी को छोड़ मतदान के दौरान किसी हिस्से में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.
तोरपा, जमशेदपुर पूर्व को छोड़ शेष 16 विधानसभा क्षेत्रों में 60 फीसदी से अधिक मतदान रिकार्ड किया गया है. सबसे अधिक मतदान जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में हुआ. दूसरे नंबर पर बहरागोड़ा, तीसरे पर मझगांव और चौथे पर खरसावां रहा. इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में 70 फीसदी से अधिक मतदान हुए. मालूम हो कि 25 नवंबर को हुए प्रथम चरण के चुनाव में 63 फीसदी मतदान हुआ था.
कोल्हान में भी शांतिपूर्ण मतदान : जमशेदपुर से मिली सूचना के मुताबिक, कोल्हान की 13 सीटों पर शांतिपूर्वक ढंग से मतदान हुआ. गया. जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी पर मतदान शाम पांच बजे तक चला. बाकी सीटों पर अपराह्न् तीन बजे तक वोट डाले गये. कुछ इलाके में नक्सलियों के मतदान बहिहष्कार की घोषणा के बावजूद भारी संख्या में लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. ग्रामीण इलाकों के वोटरों में काफी उत्साह देखा गया. कई जगहों पर इवीएम में खराबी की वजह से मतदान विलंब से शुरू हुआ. जमशेदपुर पूर्वी में 12 जगहों पर इवीएम में खराबी की शिकायत आयी.
चाईबासा में एक बूथ पर भाजपा के समर्थकों के साथ पुलिस की हल्की नोक-झोंक हुई. जुगसलाई विधानसभा के जसकनडीह इलाके में लोगों ने खराब सड़क के विरोध में मताधिकार का बहिष्कार किया. कुछ स्थानों पर दलों में विवाद की सूचना है. सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी.
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी भारी वोट : जाजोरिया
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी पीके जाजोरिया ने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के दौरान कहीं से हिंसा की सूचना नहीं है. सभी 20 विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान कराया गया. उग्रवाद प्रभावित इलाकों में भी बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान किया. चुनाव आयोग बूथों से पल-पल की जानकारी ले रहा था. मतदान के बाद इवीएम को सील करके सुरक्षित स्ट्रांग रूम पहुंचा दिया गया है. दुर्गम इलाकों में जो इवीएम स्ट्रांग रूम तक नहीं पहुंच सके हैं, उनको सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है. स्थान की जानकारी प्रत्याशियों तक पहुंचा दी गयी है.