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कृषि मंत्री योगेंद्र साव से इस्तीफा मांगेगी कांग्रेस

रांची: उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप के गठन और टंडवा के उप प्रमुख बबलू मुंडा की हत्या की सुपारी देने के आरोप लगने के बाद कृषि मंत्री योगेंद्र साव को अपना पद छोड़ना पड़ेगा. कांग्रेस के उच्चस्तरीय सूत्र के अनुसार, पार्टी योगेंद्र साव से इस्तीफा मांगेगी. उनसे सोमवार को ही इस्तीफा मांगा जा सकता है. […]

रांची: उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप के गठन और टंडवा के उप प्रमुख बबलू मुंडा की हत्या की सुपारी देने के आरोप लगने के बाद कृषि मंत्री योगेंद्र साव को अपना पद छोड़ना पड़ेगा. कांग्रेस के उच्चस्तरीय सूत्र के अनुसार, पार्टी योगेंद्र साव से इस्तीफा मांगेगी. उनसे सोमवार को ही इस्तीफा मांगा जा सकता है. कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को योगेंद्र साव के खिलाफ एक्शन लेने को कह दिया है.

जांच रिपोर्ट तक इंतजार नहीं : उग्रवादी संगठन के साथ नाम जुड़ने के बाद कांग्रेस ने अपने स्तर से मामले की जांच शुरू की थी. बताया जाता है कि पार्टी आलाकमान जांच रिपोर्ट आने से पहले ही योगेंद्र साव पर कार्रवाई करने के मूड में है. आलाकमान जांच रिपोर्ट तक इंतजार करना नहीं चाहता. पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने रविवार को मंत्री योगेंद्र साव से संपर्क करने की काफी कोशिश की. पर देर रात तक उनसे बात नहीं हो पायी. इसके बाद प्रदेश नेतृत्व को योगेंद्र साव पर कार्रवाई करने के लिए हरी झंडी दे दी गयी.सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने यह फैसला लिया है.

राजकुमार गुप्ता ने लिया था नाम
उल्लेखनीय है कि दो सितंबर को गिद्दी के चुंबा गांव से हजारीबाग जिले की पुलिस ने उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप के सरगना राजकुमार गुप्ता सहित पांच उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था. राजकुमार ने पुलिस को बताया था कि मंत्री योगेंद्र साव ने ही उग्रवादी संगठन का निर्माण किया था. इसके लिए पैसे और हथियार दिये थे. राजकुमार गुप्ता ने पुलिस को बताया था कि मंत्री योगेंद्र साव ने ही टंडवा के उप प्रमुख व कोयला ट्रांसपोर्टर बबलू मुंडा की हत्या के लिए पांच लाख की सुपारी दी थी.

उग्रवादी संगठन झारखंड बचाव आंदोलन को भी था मंत्री का समर्थन
कृषि मंत्री योगेंद्र साव का झारखंड बचाव आंदोलन नामक उग्रवादी संगठन को भी समर्थन था. स्पेशल ब्रांच ने इससे संबंधित रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को दी थी. पुलिस मुख्यालय ने इस रिपोर्ट को हजारीबाग पुलिस को भेज दिया था. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट में लिखा था कि मंत्री योगेंद्र साव का इस संगठन को परोक्ष रूप से समर्थन प्राप्त है. मामला मंत्री से जुड़ा हुआ था, इसलिए उस समय पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

10 माह पहले बना था संगठन : यह उग्रवादी संगठन करीब 10 माह पहले बना था. इसका प्रभाव केरेडारी-बड़कागांव में था. संगठन के सरगना राजू साव की गिरफ्तारी के साथ ही इसका अस्तित्व खत्म हो गया.

हाल ही में राजू साव के साथ मंत्री योगेंद्र साव की तसवीर सार्वजनिक हुई थी. दोनों साथ में हेलीकॉप्टर से घूमते थे. उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप के सरगना राजकुमार गुप्ता ने भी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया था कि वह और राजू साव मंत्री के रांची स्थित सरकारी आवास गये थे. यहां मंत्री ने उसे हथियार दिये थे.

हत्या और अपहरण कर आतंक कायम किया था संगठन ने
झारखंड बचाव आंदोलन नामक उग्रवादी संगठन का गठन केरेडारी और बड़कागांव के इलाके में हत्या व अपहरण की वारदात कर आतंक कायम करने के उद्देश्य से किया गया था. संगठन के उग्रवादियों ने बड़कागांव के र्गीकला निवासी लालदेव का अपहरण कर फिरौती वसूली थी. इसके कुछ दिन बाद ही एक ईंट-भट्ठा मालिक से लेवी की मांग की थी. लेवी नहीं मिलने पर संगठन के उग्रवादियों ने भट्ठे के मालिक के बेटे संतोष को अगवा कर मार डाला था. संगठन ने बड़कागांव और केरेडारी क्षेत्र में सैकड़ों पोस्टर चिपकाये थे.

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