* दुर्घटनाग्रस्त ट्रक ने दिया नयी आशंका को जन्म
जमुई : जिले के चकाई थाना क्षेत्र के जमुई-देवघर मुख्य मार्ग पर एसपीएमएल प्लांट के समीप दुर्घटनाग्रस्त वाहन ने नयी आशंका को जन्म दिया है. 150 बैग अमोनियम नाइट्रेट बरामद किये गये विस्फोटक की सूचना से क्षेत्र में दहशत व्याप्त हैं.
पिछले कुछ माह से शांति महसूस कर रहे लोगों में तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं. खासकर नक्सल प्रभावित गांव के लोगों में यह भय सताने लगा है कि कहीं यह विस्फोटक की सप्लाई नक्सलियों को तो नहीं होने जा रहा था.
संयोगवश हुए दुर्घटना में विस्फोटक पदार्थ से लदा वाहन पकड़ा गया और इसका खुलासा हो सका. इसके पूर्व भी विस्फोटक से लदे वाहनों की खैप नक्सलियों तक न पहुंच गयी हो इस लेकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं और परेशानी महसूस कर रहे हैं. क्षेत्र के लोगों ने पुलिस प्रशासन व खुफिया विभाग के कार्यकलाप पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि सैकड़ों बोरा लदे विस्फोटक पदार्थ कई थाना को पार करते हुए निकल रहा था. लोगों ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए बताया कि आखिर किस परिस्थिति में विस्फोटक लदे वाहन ने लंबी दूरी तय कर ली और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी.
हालांकि इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक दीपक वर्णवाल का कहना है कि पुलिस विस्फोटक लदे वाहन पर नजर रख रही थी. पुलिस को देख वाहन असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. यहां बताते चलें कि जिला का तीन हिस्सा नक्सल भावित क्षेत्र में आता है. ऐसे में इतनी बड़ी मात्र में विस्फोटक पदार्थ अगर नक्सलियों तक पहुंच जाता तो क्षेत्र में अमन चैन की कल्पना करना बेईमानी साबित होगा.
– लैंड माइंस व कैन बम में होता है अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग
भागलपुर विवि के विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक केएन सहाय की माने तो अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल लेंड माइंस, कैन बम आदि विस्फोटक बनाने में किया जाता है. यह पदार्थ विस्फोटक की श्रेणी में आने से प्रतिबंधित है. बाजार में निबंधित गिने-चुने दुकानों में ही बेची जाती है और दुकानदार को इसका पूरा ब्यौरा अपटूडेट रखना पड़ता है. कॉलेज आदि के प्रयोगशाला में अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग किया जाता है. जिसका पूरा हिसाब कॉलेज प्रशासन के पास होता है.
* क्या बड़ी कार्रवाई में उपयोग होता विस्फोटक
जमुई : जिले के चकाई-देवघर मुख्य मार्ग पर एक दुर्घटनाग्रस्त ट्रक से भारी मात्र में बरामद विस्फोटक पदार्थ ने पुलिस प्रशासन की परेशानी को बढ़ा दिया है. मालूम हो कि बीते तीन जून को माओवादियों के बिहार-झारखंड पूर्वी जोनल कमांडर सिद्धु कोड़ा ने प्रभात खबर को दिये एक बयान में बिहार में छत्तीसगढ़ दुहराये जाने की बात कहीं थी. बिहार के भी कुछ बड़ी हस्तियां निशाने पर हैं.
साथ ही आरोप लगाते हुए कहा था कि विकास के नाम पर ये हस्तियां गरीबों का विनाश करने में लगे हैं. सिद्धु कोड़ा ने यह भी कहा था कि जिले की सीमा पर हजारों नक्सलियों का जमावड़ा है. नक्सली किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार है.
ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि विस्फोटक के इस खेप को जंगलों में उतार दिया जाता और संगठन के लोग इसे धीरे-धीरे अपने ठिकानों पर ले जाकर लैंड माइंस व कैन बम बनाने में इसका प्रयोग करते तथा किसी बड़ी कार्रवाई में इसका उपयोग किया जाता. इसे संयोग ही कहा जाय कि विस्फोटक भरे टक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से यह खेप नक्सलियों तक नहीं पहुंच पाया.
* अमोनियम नाईट्रेट प्रतिबंधित पदार्थ होने के कारण इसका कीमत का अंदाजा लगाना संभव नहीं है. इतनी बड़ी मात्र में मिले विस्फोटक से बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता था. विस्फोटक लदा ट्रक के आने जाने के सवाल पर एसपी ने कहा कि यह अनुसंधान का विषय है.
दीपक वर्णवाल, पुलिस अधीक्षक