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कश्मीर गए यूरोप के सांसद ने कहा, विपक्ष को मत रोको- पाँच बड़ी ख़बरें

<p>यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का जम्मू-कश्मीर दौरा बुधवार को समाप्त हो गया. </p><p>इस दौरान सांसदों ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके कहा कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मसला है और वो उसकी चरमपंथ के ख़िलाफ़ जारी लड़ाई के साथ हैं. इसी दल में शामिल रहे एक सदस्य ने कहा है कि कश्मीर में विपक्षी नेताओं […]

<p>यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का जम्मू-कश्मीर दौरा बुधवार को समाप्त हो गया. </p><p>इस दौरान सांसदों ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके कहा कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मसला है और वो उसकी चरमपंथ के ख़िलाफ़ जारी लड़ाई के साथ हैं. इसी दल में शामिल रहे एक सदस्य ने कहा है कि कश्मीर में विपक्षी नेताओं को भी आने दिया जाना चाहिए.</p><p>इस दौरे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने कई सवाल उठाए थे उनका कहना था कि जब भारत की विपक्षी पार्टी के नेताओं को वहां नहीं जाने दिया जा रहा है तब एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने की अनुमति क्यों दी गई है. </p><p>इन्हीं सब विरोध के स्वरों के बीच यूरोपीय संघ के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य निकोलस फ़ेस्ट ने कहा है कि भारत की विपक्षी पार्टी के नेताओं को जम्मू-कश्मीर जाने देना चाहिए. </p><p>समाचार एजेंसी एएनआई से निकोलस ने कहा, &quot;मुझे लगता है कि जब आप यूरोपीय संघ के सांसदों को आने देते हैं तो आपको भारत के विपक्षी नेताओं को भी आने देना चाहिए. यह एक प्रकार का असंतुलन है और इसका भी सरकार को समाधान करना चाहिए.&quot;</p><p>निकोलस फ़ेस्ट अल्टरनेटिव फ़ॉर जर्मनी पार्टी के सदस्य हैं जो जर्मनी की एक धुर-दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी है. </p><p>इस दौरे पर विपक्षी नेताओं ने यह कहते हुए भी सवाल उठाए थे कि भारत सरकार का मानना है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है और इसका अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं किया जा सकता, फिर इस सूरत में सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दल को कश्मीर क्यों जाने दिया. </p><p>कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि यूरोप के सांसदों का जम्मू-कश्मीर के एक निर्देशित दौरे पर जाने के लिए स्वागत है, जबकि भारतीय सांसद प्रतिबंधित हैं और उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50235591?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मधु शर्मा: 23 विदेशी सांसदों को कश्मीर लाने वाली महिला</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50231337?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पहुंचे 23 विदेशी सांसदों ने क्या कहा </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50220956?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी सरकार के PR स्टंट का हिस्सा नहीं बनना था: डेविस </a></li> </ul><figure> <img alt="डल झील" src="https://c.files.bbci.co.uk/2CFD/production/_109471511_tv057291333.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h1>जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने केंद्र शासित प्रदेश</h1><p>पाँच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तकरीबन तीन महीने बाद गुरुवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं. आधी रात से जम्मू-कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हो चुका है. </p><p>दो केंद्र शासित प्रदेशों के अस्तित्व में आने के लिए 31 अक्टूबर की तारीख़ तय की गई थी जो स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लबभाई पटेल की जयंती भी है. इसी दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है.</p><p>इसी के साथ भारत में अब राज्यों की संख्या घटकर 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50230446?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर में मज़दूरों की हत्या, मुर्शिदाबाद में मातम</a></li> </ul><figure> <img alt="राहुल गांधी" src="https://c.files.bbci.co.uk/7B1D/production/_109471513_tv056995067.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>राहुल गांधी ‘ध्यान’ लगाने विदेश गए</h1><p>कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘मेडिटेशन’ से संबंधित एक दौरे पर विदेश गए हैं. एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी अर्थव्यवस्था की सुस्ती के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शनों की योजना बना रही है. वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी लगभग एक सप्ताह लंबे दौरे पर विदेश में रहेंगे.</p><p>कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी समय-समय पर ध्यान लगाने के लिए विदेश जाते रहे हैं और इसलिए वह वहां हैं.</p><p>कांग्रेस पार्टी एक नवंबर से 15 नवंबर तक देश भर में अर्थव्यवस्था की सुस्ती से जुड़े कार्यक्रम करने जा रही है जिसमें वह 35 प्रेस कॉन्फ़्रेंस और कई धरने-प्रदर्शन करेगी.</p><h1>’एक पार्टी के शासन की ओर बढ़ रहा भारत'</h1><p>राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि चीन की तरह भारत एक पार्टी के शासन की ओर बढ़ रहा है.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;बीजेपी के साथ गठबंधन में जो भी दल हैं उनको मालूम होना चाहिए कि वह जिसकी गोद में बैठे हैं वह लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते. वह देश को वैसे चला रहे हैं जो आज तक नहीं चला. चीन की तरह देश एक पार्टी के शासन की ओर बढ़ रहा है.&quot;</p><p>हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी राजनेता ने ऐसी चिंता जताई हो. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि यह देश एक चुनाव, एक नेता, एक राजनीतिक पार्टी और एक आपातकाल की ओर बढ़ रहा है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50194541?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चिली: ग़ैर-बराबरी के ख़िलाफ दस लाख लोग सड़कों पर</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50198353?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चिली: राष्ट्रपति ने पूरी कैबिनेट को बर्खास्त किया</a></li> </ul><figure> <img alt="चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टिन पिन्येरा" src="https://c.files.bbci.co.uk/1175D/production/_109471517_529cb119-4d6c-40f9-8624-711018de8206.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टिन पिन्येरा</figcaption> </figure><h1>चिली में दो शिखर वार्ताएं रद्द</h1><p>चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिन्येरा ने देश में फैले तनाव की वजह से देश में होने वाली दो वैश्विक शिखर वार्ताओं को रद्द कर दिया है. </p><p>चिली में एशिया पैसिफ़िक ट्रेड समिट और यूएन क्लाइमेट समिट होने वाली थी लेकिन देश में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों को देखने हुए इन्हें रद्द कर दिया गया है. </p><p>यूएन क्लाइमेट समिट दिसंबर में होने वाली थी और अब संयुक्त राष्ट्र को इसके लिए चिली की जगह कोई और जगह ढूंढनी पड़ रही है. </p><p>चिली में सामाजिक और आर्थिक ग़ैर-बराबरी को लेकर पिछले दो हफ़्तों से देशव्यापी प्रदर्शन चल रहे हैं.</p><p>चिली के विदेश मंत्री टेयडोरो रिबेरा ने कहा है कि अभी उन्हें देश के आंतरिक मुद्दों पर ध्यान देने की ज़रूरत है.</p><p>उन्होंने कहा है, &quot;चिली के मौजूदा हालात की मांग है कि हम अपने एजेंडे में बदलाव करें. चिली की सरकार अपने नागरिकों की मांगों पर ध्यान दे रही है. इसलिए देश के राष्ट्रपति को एक बहुत ही मुश्किल फ़ैसला लेना पड़ा है, लेकिन ये फ़ैसला चिली के सभी लोगों को ज़हन में रखकर लिया गया है.&quot; </p><p>&quot;दोनों अंतरराष्ट्रीय शिखर वार्ताओं को रद्द करके हम उस नए सामाजिक एजेंडे की शुरुआत कर रहे हैं जिसकी देश को सख़्त ज़रूरत है.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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