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कश्मीर: अनुच्छेद 370 पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया क्या बोला?

<figure> <img alt="जम्मू कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/1F7C/production/_108206080_054196435.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने की चर्चा भारत से बाहर भी हुई.</p><p>पाकिस्तान ने भारत के इस फ़ैसले की निंदा की. पाकिस्तानी संसद में मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा भी की जाएगी. </p><p>द यूरएशियन टाइम्स (ईटी न्यूज़) के […]

<figure> <img alt="जम्मू कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/1F7C/production/_108206080_054196435.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने की चर्चा भारत से बाहर भी हुई.</p><p>पाकिस्तान ने भारत के इस फ़ैसले की निंदा की. पाकिस्तानी संसद में मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा भी की जाएगी. </p><p>द यूरएशियन टाइम्स (ईटी न्यूज़) के मुताबिक़, पाकिस्तानी पीएम इमरान ख़ान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन और मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर बिन मोहम्मद से फ़ोन पर बात भी की. </p><p>इमरान ख़ान ने दावा किया कि तुर्की इस मामले में पाकिस्तान के साथ है.</p><p>पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के अलावा कई देशों से इस मामले में समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है.</p><p>ऐसे में जिन देशों से पाकिस्तान मदद की गुहार कर रहा है, उन देशों और दूसरे देशों मीडिया में कश्मीर को लेकर क्या कुछ छपा है. </p><figure> <img alt="जम्मू कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/6D9C/production/_108206082_053943604.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><h1>अंतरराष्ट्रीय मीडिया में क्या कुछ छपा?</h1><p>तुर्की की समाचार एजेंसी अनादुल ने तुर्की के राष्ट्रपति से इमरान ख़ान के बात करने की ख़बर को प्रमुखता से वेबसाइट पर जगह दी है.</p><p>अनादुल में <a href="https://www.aa.com.tr/en/asia-pacific/india-s-kashmir-move-may-produce-dire-results-experts/1550434">छपे एक लेख </a>के मुताबिक़, कश्मीर पर भारतीय कदम के भयानक नतीजे होंगे.</p><p>इस लेख में वरिष्ठ पत्रकार इफ़्तिख़ार गिलानी कहते हैं, ”जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक स्थिति बदलने का भय है. इससे हालात और बिगेड़ेंगे. जब आप ऐसा फ़ैसला करते हैं तो आप कट्टरपंथियों को प्रोत्साहित करते हैं.”</p><p>लेख में लिखा गया है कि भारत के इस फ़ैसले का बुरा असर होगा.</p><p>तुर्की की दूसरी न्यूज़ एजेंसी DHA के मुताबिक़, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने दोनों देशों से बातचीत के ज़रिए मुद्दा सुलझाने के लिए कहा है.</p><p>मलेशिया की न्यूज़ वेबसाइट बरनामा में भी <a href="http://www.bernama.com/en/world/news.php?id=1754123">ख़बर छपी</a> है कि तुर्की और पाकिस्तानी नेताओं ने कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की. </p><p>बरनामा लिखता है- 1989 से लेकर अब तक कश्मीर में हुई हिंसा में हज़ारों लोगों की जान गई. कश्मीर में कुछ संगठन आज़ादी की ख़ातिर भारत के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ते आए हैं.</p><p>ख़लीज टाइम्स में कश्मीर मुद्दे पर कई ख़बरें छपी हैं. </p><p>ख़लीज टाइम्स एक ख़बर में लिखता है, ”अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में बेचैनी भरी शांति है. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49245764?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर पाकिस्तान के कंधे पर तुर्की ने रखा हाथ</a></p><figure> <img alt="भारतीय मीडिया में कश्मीर के मुद्दे पर आज अखबारों की सुर्खियां ऐसी रहीं" src="https://c.files.bbci.co.uk/105F4/production/_108206076_055709934.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>भारतीय मीडिया में कश्मीर के मुद्दे पर आज अखबारों की सुर्खियां ऐसी रहीं</figcaption> </figure><p>एक <a href="https://www.khaleejtimes.com/international/india/kashmir-peaceful-residents-welcome-scrapping-of-article-370">दूसरी ख़बर</a> में ख़लीज टाइम्स लिखता है कि अमरीका ने कश्मीर मुद्दे पर अधिकारों का सम्मान करने की अपील की है.</p><p>अमरीका ने कहा कि वो कश्मीर मुद्दे पर नज़र रख रहा है.</p><p>तुर्की की <a href="http://www.hurriyetdailynews.com/india-government-revokes-disputed-kashmirs-special-status-145521">हुर्रियत डेली न्यूज़ </a>के मुताबिक़, हिंदू राष्ट्रवादियों के आलोचकों का कहना है कि सरकार के इस कदम से मुस्लिम बहुल कश्मीर की डेमोग्राफी को हिंदू आबादी में बदलने की कोशिश की जा रही है.</p><p>इस ख़बर में महबूबा मुफ़्ती के उस बयान को भी जगह मिली है, जिसमें उन्होंने कहा था- आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है.</p><p>द वॉशिंगटन पोस्ट कश्मीर मुद्दे पर छपे ओपिनियन का शीर्षक लगाता है- कश्मीर में बस्तियां बसाने का भारतीय प्रोजेक्ट ख़तरनारक मोड़ पर…</p><p>द <a href="https://www.washingtonpost.com/opinions/2019/08/05/indias-settler-colonial-project-kashmir-takes-disturbing-turn/">वॉशिंगटन पोस्ट</a> लिखता है, ”कई इतिहासकारों और कानून के जानकारों ने अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को असंवैधानिक बताया है.”</p><p>इस लेख में आगे लिखा है कि आने वाले महीनों में कश्मीर में हालात और बिगड़ेंगे. कश्मीरी इतनी आसानी से नहीं मानेंगे, वो पक्के तौर पर विरोध करेंगे.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49238976?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने से क्या बदलेगा?</a></p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/BBBC/production/_108206084_055709691.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>गल्फ़ न्यूज़ में अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे को <a href="https://gulfnews.com/world/asia/india/explained-what-is-changing-in-indias-jammu-and-kashmir-and-how-1.1564987677500">कई ख़बरों </a>में समझाया गया है. </p><p>इस लेख में अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने के वक़्त पर लिखा गया है, ”2019 चुनावों में मिली भारी जीत के बाद पीएम मोदी बहुमत में हैं. इसी के चलते बीजेपी कई बड़े फ़ैसले ले रही है. अनुच्छेद 370 को ख़त्म किया जाना इसी का नतीजा है. आलोचकों का कहना है कि हिंदू मतदाताओं के बीच अपनी मज़बूत छवि की ख़ातिर ही इस दिशा में कदम उठाया गया है.”</p><p><a href="https://www.nytimes.com/2019/08/05/world/asia/india-pakistan-kashmir-jammu.html?action=click&amp;module=Top%20Stories&amp;pgtype=Homepage">द न्यूयॉर्क टाइम्स </a>शीर्षक लगाता है- कश्मीर को दी दशकों पुरानी स्वायत्तता को भारत ने ख़त्म किया, पाकिस्तान ने दी चेतावनी</p><p>अख़बार लिखता है कि भारत की राष्ट्रवादी सरकार ने कश्मीर को दिए विशेषाधिकार को ख़त्म कर दिया है. कश्मीर में उठाए गए इस कदम से भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में हालात बिगड़ेंगे.</p><p>लेख में लिखा है, ”सालों से हिंदू राष्ट्रवादी इस बारे में मांग करते रहे हैं और अब कश्मीरियों को मिले विशेषाधिकार ख़त्म कर दिए गए हैं.”</p><p>पाकिस्तान की न्यूज़ वेबसाइट द डॉन में भी कश्मीर से जुड़ी ख़बरें छपी हैं.</p><p>’द डॉन’ <a href="https://www.dawn.com/news/1498262/kashmir-move-timed-for-modis-address">एक ख़बर में</a> अमरीका के बयान को शीर्षक बनाता है- कश्मीर में उठाए कदमों को भारत ने बताया आंतरिक मसला.</p><p>डॉन लिखता है कि कश्मीर के मसले पर भारत को विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन मिला है. </p><h1>समझिए कश्मीर में क्या-क्या कब-कब हुआ?</h1><figure> <img alt="कश्मीर की कहानी" src="https://c.files.bbci.co.uk/FB04/production/_108206246_hindi-time-line-1-2.png" height="4908" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49243095?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’अच्छे भविष्य के लिए है फ़ैसला तो हमें बंद क्यों किया?’ – सना मुफ़्ती</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a 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