उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह हिरासत में लिए गए दो अमरीकी नागरिकों पर शत्रुतापूर्ण कार्रवाई के आरोप में मुक़दमा चलाएगा.
सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक़ मिलर टॉड और ज़ेफ़री फ़ॉवेल से पूछताछ के बाद अब उन्हें एक अदालत में पेश किया जाएगा.
कहा गया है कि इन लोगों पर जिस बात का संदेह है उसकी पुष्टि सबूतों और उनके बयानों से हुई है लेकिन इसकी और जानकारी नहीं दी गई है.
तख्तापलट की कोशिश
एक अमरीकी-कोरियाई पादरी इस समय उत्तर कोरिया में 15 साल की सजा काट रहे हैं. उन्हें नवंबर 2012 में गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें उत्तर कोरियाई सरकार का तख्तापलट की कोशिश करने का दोषी पाया गया था.
ख़बरों के मुताबिक़ ज़ेफ़री फ़ॉवेल 29 अप्रैल को उत्तर कोरिया पहुंचे थे. जून के शुरू में उन्हें तब हिरासत में लिया गया, जब वह वहां से निकलने वाले थे.
जापानी समाचार एजेंसी क्यादो ने कहा है कि ज़ेफ़री फ़ॉवेल को इसलिए गिरफ़्तार किया गया, क्योंकि वह अपने होटल में बाइबिल छोड़ आए थे.
केसीएनए के मुताबिक़ मिलर टॉड को 10 अप्रैल को गिरफ़्तार किया गया.
एजेंसी के मुताबिक़ उन्होंने अपना वीज़ा फाड़ते हुए कहा था कि वो डीपीआरके ( डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया) को आश्रयस्थली के रूप में चुनने के बाद आए हैं.
आरोप हैं कि उत्तर कोरिया अमरीकी नागरिकों की गिरफ़्तारी का प्रयोग राजनयिक सौदेबाज़ी के लिए करता है.
इसी तरह गिरफ़्तार एक अमरीकी नागरिक की रिहाई के लिए पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उत्तर कोरिया की यात्रा की थी.
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