कपूर ख़ानदान से ताल्लुक रखने वाले नए नवेले अभिनेता अरमान जैन की ख़्वाहिश है अपने नाना राजकपूर की तरह जोकर बनें.
आरिफ़ अली के निर्देशन में बनी ‘लेकर हम दीवाना दिल’ से अरमान अभिनय की दुनिया में क़दम रख रहे हैं.
बचपन से एक्टर बनने की ख्वाहिश रखने वाले अरमान कहते हैं, "मैं पांच बरस की उम्र से नाना जी की फ़िल्में देख रहा हूं. मैं उनसे मिला नहीं पर मां ने उनकी फ़िल्में दिखाईं. ख़ासकर ‘मेरा नाम जोकर’."
वो कहते हैं, "मैं हमेशा उसमें सर्कस के सीन बहुत ध्यान से देखता था. मुझे भी जोकर बनना था. मुझे भी लोगों को हंसाना था. मैं मानता हूं कि मेरी ज़िंदगी एक सर्कस है और नाना जी मेरी प्रेरणा हैं."
हालांकि अरमान को इस बात का पूरा अंदाज़ा है कि उनके हिस्से जो कुछ है उसे सहेज कर रखने के लिए उन्हे काफ़ी मेहनत करनी होगी.
ख़ानदान का दबाव
नाम के साथ कपूर न लगे होने के बावजूद राजकपूर का नाती होने की छाप अरमान के वज़ूद पर है.
इस सच को वो अपने ऊपर एक दबाव मानते हैं या नहीं, इस सवाल के जवाब में अरमान कहते हैं, ‘‘मैंने आज तक इस बारे में सोचा ही नहीं है. इसे दबाव मानिए या अच्छा मौक़ा पर मैंने सिर्फ़ यही सोचा है कि इस वक्त उसी में मज़ा लूं जो कर रहा हूं. आगे जो होगा देखा जाएगा. मैं रोज़ प्रार्थना करता हूँ और बाक़ी सब ऊपर वाले पर छोड़ता हूं. जो होगा सो होगा.’’
हाल ही में रणबीर कपूर अरमान की फ़िल्म का प्रचार करने पहुंचे थे, लेकिन रणबीर से मिलने वाली सलाह के सवाल पर अरमान कहते हैं, ‘‘अभिनय तो इंसान ख़ुद सीखता है. वो करते करते ही आता है. मैं और रणबीर जब बात करते हैं तो फ़िल्मों की बातें कभी नहीं होतीं. हम फ़ुटबॉल की बातें करते हैं या फिर वीडियो गेम्स की बातें होती हैं. घर पर लोग सिर्फ़ खाने-पीने और परिवार से जुड़ी बातें करते हैं. अभिनय की बातें नहीं होतीं.’’
‘लेकर हम दीवाना दिल’ जल्द ही रिलीज़ होने वाली है और इम्तियाज़ अली के भाई आरिफ़ अली ने इसका निर्देशन किया है.
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