संजय मांजरेकर
लंबे लीग चरण के बाद जहां टीमों को दूसरा मौका मिलता रहा, अब टूर्नामेंट नॉकआउट चरण में पहुंच गया है. अब तक बिना किसी डर के खेलनेवाले खिलाड़ी अचानक अलग तरह से सोचने लगे हैं. वे सोचने लगे हैं कि अगर मैं आउट हो गया, तो क्या होगा. इससे बड़ा अंतर पैदा होता है. मिड विकेट पर लगाया गया शॉट अब सीमा रेखा के पास कैच हो सकता है. लीग चरण में यह शॉट छक्के के लिए चला जाता. शायद यही वजह रही कि हमें प्लेऑफ के दो मुकाबलों में तुलनात्मक रूप से कम स्कोर देखने को मिला. वानखेड़े स्टेडियम में सनराइजर्स की बल्लेबाजी ने उन्हें पहले प्लेआॅफ में नीचा दिखाया.
चेन्नई को भी 139 रन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेना चाहिए था, लेकिन उन्हें भी काफी परेशानी हुई. खुशकिस्मती से सीएसके के पास फाड डु प्लेसी थे, जो भले ही टी-20 के बड़े हिटर न हों, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में सभी प्रारूपों में स्थापित नाम हैं. ऐसे में उनका टेंपरामेंट अहम साबित हुआ. उन्होंने दबाव में भी धैर्य नहीं खोया और चेन्नई को जीत दिला कर ही लौटे. चेन्नई के पास हमेशा से ही ऐसे खिलाड़ियों की भरमार रही है, इसीलिए आइपीएल में टीम का इतना शानदार रिकॉर्ड हैरान नहीं करता. मेरी नजरों में चेन्नई इस सीजन में खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है, क्योंकि मौजूदा तीनों टीमों में इस टीम का टेंपरामेंट गजब का है. जब स्कोर 150-160 की जद में होता है, तो सिर्फ ताकत ही मायने नहीं रखती, बल्कि समझदारी से लक्ष्य तक पहुंचना महत्वपूर्ण होता है.
ईडन गार्डन में खेले गये दूसरे प्लेऑफ में हमें खेल का एक नया अलग स्तर देखने को मिला. इस मुकाबले में हमें आदर्श पिच देखने को नहीं मिली, जिससे बल्लेबाजों को संघर्ष करना पड़ा. लाइन में आकर ताकत से प्रहार करने का विकल्प था, जो कारगर साबित नहीं हुआ. इस मुकाबले में चार बल्लेबाज कॉट एंड बोल्ड आउट हुए. अचानक से इस पावरगेम में धैर्य और समझदारी से मैच आगे बढ़ाने की जरूरत आ पड़ी और जिस तरह शुभमन गिल और दिनेश कार्तिक ने ऐसा किया, उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ. इसके बाद रसेल ने केकेआर के लिए बाकी का काम कर दिया. लक्ष्य का पीछा करते वक्त ऐसी स्थिति में जो काम चेन्नई के लिए फाफ ने किया, उसी काम की उम्मीद राजस्थान रॉयल्स के लिए अजिंक्य रहाणे से थी, लेकिन दुर्भाग्य से रहाणे वैसे खिलाड़ी नजर नहीं आये जैसे दो साल पहले थे. ऐसे में यह मुकाबला राजस्थान के जीतने के लिए नहीं था, लेकिन टीम ने जिस तरह यहां तक का सफर तय किया उसे अपने प्रदर्शन पर गर्व होना चाहिए.
(टीसीएम)