बगदाद : उत्तरी इराक में बंधक बना कर मार डाले गये 38 भारतीय कंस्ट्रक्शन मजदूरों के शव बगदाद में भारतीय अधिकारियों को सौंप दिये गये हैं. इन्हें सोमवार की देर रात भारत भेजा जायेगा. भारतीय राजदूत प्रदीप सिंह राजपुरोहित ने कहा कि शवों को बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर ले जाया गया है और इन्हें सेना के एक विमान से भेजा जायेगा. विमान संभवत: मंगलवार को भारत पहुंच जायेगा.
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ताबूतों को विमान में चढ़ाये जाने पर भारत के विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने उन्हें सलामी दी. सिंह ने आतंकवादियों की आलोचना की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी सरकार के रुख को जाहिर किया. आईएस को बेहद क्रूर संगठन बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश के नागरिक आईएस की गोलियों के शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं.
गौरतलब है कि वर्ष 2014 में उत्तरी मोसुल शहर पर कब्जा करने के तुरंत बाद आईएस ने इन मजदूरों को अगवा कर लिया था. बीते 20 मार्च को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में इस बात का खुलासा किया था कि इराक़ में 2014 में लापता हुए 40 भारतीयों में से 39 मारे गये हैं. उन्होंने कहा कि ये चरमपंथी संगठन आईएसआईएस के हाथों मारे गये. सुषमा ने कहा कि इराक़ के मूसल में लापता सभी 39 भारतीय अब ज़िंदा नहीं हैं. इन सभी को लेकर देश के भीतर अनिश्चय की स्थिति थी. उनके इस खुलासे के साथ ही भारत में राजनीति गरमार्इ हुर्इ है.
इसके साथ ही, विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह एक अप्रैल को इराके में मारे गए भारतीयों के शव लेने मोसुल रवाना हो गये थे. वीके सिंह भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से मोसुल गये हैं. विशेष विमान ने गाजियाबाद से हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी.रवाना होने से पहले विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा था कि मैं 38 भारतीयों के अवशेष लेने मोसुल जा रहा हूं. हमें 39वें शख्स का शव नहीं मिलेगा, क्योंकि उसका केस अभी फाइनल नहीं हो पाया है. हम सबूतों के साथ परिवार को शव सौंपेंगे, ताकि उनका शक दूर हो सके.’