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इतना उछल क्यों रहा है बाजार?

-कारोबार डेस्क- -एग्जिट पोल लीक हुआ या मोदी के इंटरव्यू का असर है ! सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, शुक्रवार को शेयर बाजार में अचानक आये उछाल ने बाजार के जानकारों को भी चौंका दिया. लोग ऐसे उछाल की उम्मीद 16 मई के लिए लगाये बैठे थे, वह भी किसी एक पार्टी को बहुमत मिलने […]

-कारोबार डेस्क-

-एग्जिट पोल लीक हुआ या मोदी के इंटरव्यू का असर है !

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, शुक्रवार को शेयर बाजार में अचानक आये उछाल ने बाजार के जानकारों को भी चौंका दिया. लोग ऐसे उछाल की उम्मीद 16 मई के लिए लगाये बैठे थे, वह भी किसी एक पार्टी को बहुमत मिलने या बहुमत के करीब पहुंचने की सूरत में. लेकिन एक हफ्ते पहले ही, 9 मई को सेंसेक्स ने 650 अंकों की छलांग लगा दी और 23000 के स्तर पर बंद होने से महज 6 अंकों से चूक गया. निफ्टी लगभग 200 अंकों के उछाल के साथ 6858 पर बंद हुआ. बाजार खुलने के समय सुस्त दिख रहा था, पर अचानक कुछ हुआ और वह कुलांचे भरने लगा.

अब सभी इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं कि अचानक क्या हुआ जिसने बाजार में इतनी बड़ी हलचल पैदा कर दी. एक चर्चा यह है कि 12 मई को चुनाव के अंतिम चरण के बाद प्रसारित होनेवाले कुछ एग्जिट पोल की खबर बाजार के खिलाड़ियों के पास पहुंच गयी है. और इन चुनाव बाद सर्वेक्षणों में नरेंद्र मोदी को बहुमत मिलने की चर्चा है. मोदी के आगमन के संकेतों को ही बाजार में तेजी की वजह माना जा रहा है, क्योंकि उनकी छवि कॉरपोरेट घरानों को उनके कामकाज में सहूलियतें मुहैया कराने की रही है.

वहीं, कुछ अन्य जानकारों का मानना है कि बाजार में इस दीवाली की वजह नरेंद्र मोदी का ताजा इंटरव्यू है जो ‘टाइम्स नाउ’ समाचार चैनल पर गुरुवार को प्रसारित हुआ. इस इंटरव्यू में मोदी ने बहुमत पाने और स्थिर सरकार बनाने का पुख्ता भरोसा दिलाया. उन्होंने कई बार कहा कि भाजपा राजीव गांधी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी ताकत के साथ सरकार बनायेगी.

इंटरव्यू में मोदी ने बहुत चालाकी से यह संकेत दे दिया कि वह सुधारवादी और नव-उदारवादी आर्थिक नीतियों को ही जारी रखेंगे और संघ की ‘स्वदेशी’ अर्थनीति के चक्कर में पड़नेवाले नहीं हैं. उन्होंने नीतियों में धारावाहिकता पर खास जोर दिया. बाजार के लिए यह उत्साहजनक साबित हुआ. विेषकों का कहना है कि एग्जिट पोल और इंटरव्यू के अलावा बाजार में ऐसी बढ़त का कोई दूसरा कारण नहीं दिख रहा, क्योंकि स्थानीय या वैश्विक स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. विदेशी बाजारों में मिला-जुला रु ख रहा. यूरोपीय बाजारों में गिरावट रही. वहीं एशियाई बाजारों में कुछ खास हलचल नहीं रही. इन बाजारों में गिरावट और बढ़त एक फीसदी के नीचे ही रहीं. अमेरिकी बाजार भी ठंडे रहे. रु पया के मोरचे से भी कुछ उत्साहजनक खबर नहीं थी. डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार की तुलना में थोड़ा कमजोर ही रहा.

एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज के अंबरीश बलीगा का कहना है कि एग्जिट पोल के बाद बाजार में रैली आने की उम्मीद थी, लेकिन शुक्रवार से ही बाजारों में जोश दिख रहा है. निफ्टी के 7000 के स्तर तक चढ़ने की संभावना है. लेकिन निवेशकों से सतर्कता भी बरतने को कह रहे हैं, क्योंकि चुनाव के नतीजे उम्मीद से उल्टे भी रह सकते हैं. स्थिर सरकार बनने से बैंकिंग क्षेत्र की दिक्कतें दूर हो सकती हैं, इसलिए बैंक शेयरों में खास तेजी देखी जा रही है.

एनएसइ के सदस्य जगदीश मलकानी का कहना है कि एनडीए की सरकार बनने की उम्मीद से बाजार में यह तेजी आयी है. वह कहते हैं कि एनडीए को 260 से 272 सीटें मिलने की संभावना है. प्रभुदास लीलाधर के ज्वाइंट एमडी दिलीप भट्ट का कहना है कि अगर 16 मई को एक मजबूत सरकार सत्ता में आती है तो निफ्टी में 7,200-7,400 के स्तर देखे जा सकते हैं.

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