कड़वी दवाओं का स्वाद भला किसे अच्छा लगता है, फिर भी बीमारी से राहत पाने के लिए लोगों को मजबूरन ऐसी दवाओं का सहारा लेना ही पड़ता है. पर कुछ रोगों में अब ऐसा नहीं होगा. पंजाब की एक महिला वैज्ञानिक द्वारा की गयी एक नयी खोज ने लोगों को दवा खाने की मजबूरी से मुक्ति दिलाने में सफलता हासिल की है. इस वैज्ञानिक ने ऐसे कपड़ों का निर्माण किया है, जिन्हें पहन कर लोग सर्दी-जुकाम, जोड़ों के दर्द व चर्मरोग जैसी बीमारियों से राहत पा सकेंगे.
सर्दी, जुकाम और सिर दर्द जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए दवाओं का सहारा लेना एक आम बात है, लेकिन अब लोगों को स्वास्थ से जुड़ी इन समस्याओं से राहत पाने के लिए कड़वी दवाएं खाने की तकलीफ नहीं सहनी पड़ेगी. हाल ही में पंजाब की एक महिला वैज्ञानिक डॉ दविंदर कौर ने ऐसे कपड़ों का निर्माण किया है, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करेंगे.
शरीर की रगड़ से कपड़े करेंगे रोग का उपचार
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय स्थित अपैरल एंड टैक्सटाइल साइंस डिपार्टमेंट की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ दविंदर कौर ने करीब तीन वर्षो के शोध के बाद माइक्रो इन कैप्सूलेशन तकनीक के जरिये ऐसा कपड़ा तैयार किया है, जिसमें ऑयल (तेल) को छोटे-छोटे कोट्स में तोड़ने के बाद केमिकल की कोटिंग कर कपड़ों में रचा-बसा दिया जाता है. जब कोई मरीज इन तेलयुक्त कपड़ों को पहनता है, तो शरीर की रगड़ से हीट पैदा होती है और उस हीट से कपड़ों में इस्तेमाल किये गये तेल से शरीर की प्राकृतिक तौर पर मालिश होती है, जिससे मरीज को राहत मिलती है. इन कपड़ों की विशेषता यह है कि इन्हें किसी भी मौसम में 20 से 25 बार धोकर पहना जा सकता है.
जैसी बीमारी, वैसे कपड़े
डॉ दविंदर बताती हैं कि बीमारी के हिसाब से विभिन्न किस्म के तेल युक्त कपड़े तैयार किये गये हैं. जोड़ो के दर्द के लिए सफेद व जैसमीन के तेल को कपड़ों में मिला कर घुटनों पर लगानेवाली पट्टियां, गर्दन के कॉलर व हाथों के दस्ताने तैयार किये गये हैं. इसे पहनने से दर्द में आराम मिलता है. अस्थमा पीड़ितों के लिए नींबू व चीड़ के पेड़ के तेल से तैयार कपड़ों से रूमाल, मास्क, तकियों के गिलाफ बनाये गये हैं. जब इन तेलों की खुशबू नाक व मुंह के जरिये शरीर में पहुंचती है, तो दवा की तरह काम करती है और इनके रोजाना इस्तेमाल से अस्थमा से राहत मिलती है. इसी तरह ये कपड़े जख्मों को सुखाने में भी कारगर हैं.