जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपनी सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के साथ चल रहे गतिरोध को खत्म करते हुए गुरुवारको राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. एएनसी उन्हें पद से हटाने के लिए विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रही थी. भारतीय मूल के विवादित कारोबारी गुप्ता परिवार पर जैकब जुमा के कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटाले में शामिल रहने का आरोप है.
जुमा का यह इस्तीफा सोमवार को तड़के एएनसी के राष्ट्रीय नेतृत्व की एक मैराथन बैठक के तीन दिन बाद आया है. इसी बैठक में जुमा से इस्तीफा मांगने का निर्णय लिया गया था. हालांकि, उन्होंने तब पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. जुमा ने राष्ट्रीय प्रसारण में कहा, मैं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं. इसके साथ ही जुमा का नौ साल का कार्यकाल दूसरे और अंतिम कार्यकाल से नौ महीने पहले खत्म हो गया. उनका कार्यकाल साल 2019 के आम चुनाव के साथ खत्म होना था. जुमा अब भी एएनसी द्वारा उनकी जगह साइरिल रामाफोसा को राष्ट्रपति बनाये जाने फैसले को ‘गलत’ बता रहे हैं.
एएनसी ने दो महीने पहले रामाफोसा का चयन नये राष्ट्रपति के रूप में किया था. जुमा ने कहा, मैं अपने संगठन के नेतृत्व के फैसले से असहमत हूं, लेकिन मैं हमेशा इस संगठन का अनुशासित सदस्य रहा हूं. उन्होंने इस संगठन में अपनी सेवा बरकरार रखने का वचन दिया है. जुमा इस पार्टी में एक किशोर के रूप में अल्पसंख्यक श्वेत रंगभेद सरकार के खिलाफ निर्वासन से लड़ने के लिए शामिल हुए थे. संसद में अपनी पार्टी द्वारा कार्रवाई के जरिये हटाये जाने की संभावना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, मैं किसी अविश्वास प्रस्ताव या महाभियोग से नहीं डरता हूं. ये सारे तरीके इस खूबसूरत देश के लोगों के लिए अपने राष्ट्रपति को हटाने का एक वैध तंत्र है.
गौरतलब है कि जुमा के खिलाफ पहले भी विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव रखा है, लेकिन जुमा की सरकार को उससे कोई फर्क नहीं पड़ा. ऐसी संभावना है कि उप राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा अंतरिम राष्ट्रपति तब तक के लिए बनेंगे जब तक नये राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया संसदीय तरीके से पूरी नहीं हो जाती है.
गौरतलब है कि भारतीय मूल के विवादित कारोबारी गुप्ता परिवार पर जैकब जुमा के कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटाले में शामिल रहने का आरोप है. इस विवाद के बाद जुमा पर पद छोड़ने का दबाव बनाथा. बुधवार को पुलिस की उच्च स्तरीय अपराध इकाई हॉक्स ने जारी बयान में कहा कि व्रेडे फार्म जांच के सिलसिले में सैक्सनवोल्ड में स्थित गुप्ता परिवार के घर पर छापेमारी की गयी. इस दौरान तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तीनों गिरफ्तार लोग गुप्ता परिवार के सदस्य हैं. गुप्ता बंधु अतुल, राजेश और अजय दक्षिण अफ्रीका में श्वेत शासन समाप्त होते ही 1993 में वहां चले गये थे. गुप्ता परिवार कंप्यूटिंग, खनन, विमानन, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और मीडिया समेत कई क्षेत्रों में कारोबार करता है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गुप्ता बंधु 75 वर्षीय जुमा के करीबी मित्र हैं. जुमा का बेटा, बेटी और उनकी एक पत्नी गुप्ता बंधु की कंपनी में काम भी करते हैं.
व्रेडे फार्म जांच फ्री स्टेट में व्रेडे के नजदीक स्थित एस्टिना डेयरी से जुड़ा है. इसे गरीब अश्वेत किसानों की मदद के लिए बनाया गया था. आरोप है कि गुप्ता परिवार ने इस डेयरी से लाखों डॉलर की कमायी की. हालांकि, गुप्ता परिवार इससे इनकार करता रहा है. गुप्ता परिवार के साथ ही जुमा ने भी कुछ भी गलत करने से इनकार किया है.