लाहौर : पाकिस्तान ने प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख और 2008 के मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद को नजरबंदी से शुक्रवार को रिहा कर दिया. रिहाई के कुछ ही समय बाद सईद ने भारत विरोधी अपने भाषण में कहा कि वह कश्मीर मुद्दे के लिए देशभर से लोगों को जुटायेगा. आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण जमात-उद-दावा प्रमुख पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. पाकिस्तान सरकार ने किसी और मामले में सईद को और हिरासत में नहीं रखने का फैसला किया. इसके बाद आतंकवादी संगठन के प्रमुख को रिहा कर दिया गया.
सईद का रिहा किया जाना मुंबई आतंकवादी हमले के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के भारत के प्रयासों के लिए झटका है. वह इस साल जनवरी से 297 दिन नजरबंदी में रहा. सईद को मुंबई हमले की नौवीं बरसी से पहले बीती मध्य रात्रि के बाद रिहा किया गया. गौरतलब है कि मुंबई हमले में 166 लोग मारे गये थे. भारत ने बार-बार पाकिस्तान से मुंबई आतंकवादी हमले की फिर से जांच करने को कहा है और भारत की ओर से इस्लामाबाद को प्रदान किये गये सबूतों के आलोक में सईद और लश्करे तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है.
अपने आवास के बाहर एकत्र हुए समर्थकों को संबोधित करते हुए सईद ने कहा, मुझे सिर्फ कश्मीर पर मेरी आवाज को दबाने के लिए 10 महीने तक हिरासत में रखा गया. सईद ने कहा, मैं कश्मीरियों के मामले के लिए लड़ता हूं. मैं कश्मीर के मुद्दे के लिए देशभर से लोगों को जुटाऊंगा और हम स्वतंत्रता के लक्ष्य को पाने में कश्मीरियों की मदद करने का प्रयास करेंगे.
पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने सईद की नजरबंदी की अवधि पूरी होने के बाद गत बुधवार को आम सहमति से उसकी रिहाई का आदेश दिया था. इस बोर्ड में लाहौर हाइकोर्ट के न्यायाधीश भी शामिल थे. सईद की नजरबंदी गुरुवारकी रात 12 बजे समाप्त हुई. भारत ने सईद को रिहा करने के न्यायिक बोर्ड के फैसले पर नाराजगी जतायी थी. भारत ने कहा कि यह फैसला प्रतिबंधित आतंकवादियों को मुख्यधारा में लाने के पाकिस्तान के प्रयास और सरकार से इतर तत्वों को उसके लगातार समर्थन को दर्शाता है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सईद की रिहाई एक बार फिर आतंकवाद के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने में पाकिस्तान सरकार की तरफ से गंभीरता के अभाव की पुष्टि करते हैं. सईद ने कहा कि जनवरी में कश्मीरियों के साथ एकजुटता माह की घोषणा करने के बाद उसे हिरासत में लिया गया. उसने अपनी रिहाई के आदेश को अपने बेगुनाह होने के प्रमाणपत्र के रूप में पेश किया.
सईद ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है क्योंकि लाहौर हाइकोर्ट के तीन न्यायाधीशों ने मेरी रिहाई के आदेश दिये हैं. भारत ने मेरे खिलाफ निराधार आरोप लगाये हैं. लाहौर हाइकोर्ट के समीक्षा बोर्ड के फैसले ने साबित कर दिया है कि मैं निर्दोष हूं. सईद ने दावा किया, मुझे पाकिस्तान सरकार पर अमेरिकी दबाव के कारण हिरासत में लिया गया. अमेरिका ने भारत के अनुरोध पर ऐसा किया. लाहौर के जौहर टाउन स्थित सईद के आवास पर बड़ी संख्या में एकत्र हुए जमात-उद-दावा के कार्यकर्ताओं ने उसकी रिहाई का जश्न मनाया और भारत-विरोधी नारे लगाये और अपने नेता को कश्मीरियों की एकमात्र आशा बताया.
जमात-उद-दावा के प्रवक्ता अहमद नदीम ने बताया, हम अपने नेता की रिहाई से खुश हैं. नदीम ने कहा, हाफिज सईद को रिहाई के आदेश जेल अधिकारियों की ओर से मिले. सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, पंजाब सरकार द्वारा सईद को अन्य किसी मामले में और हिरासत में नहीं रखने का फैसला किये जाने के बाद उसे रिहा किया गया है. उन्होंने बताया कि लंबी चर्चा के बाद समीक्षा बोर्ड के फैसले को मानने का निर्णय किया गया.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सईद की रिहाई का भारत और अमेरिका कड़ा विरोध करेंगे. उन्होंने कहा, यह देखनेवाली बात होगी कि सईद को फिर से हिरासत में लेने के विदेशी दबाव से पीएमएल-एन सरकार कैसे निपटती है. पंजाब के सहायक महाधिवक्ता सत्तार साहिल ने कहा कि सरकार ने सईद को हिरासत में रखने के पक्ष में कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य पेश किये, लेकिन बोर्ड के सभी तीन सदस्यों ने आम सहमति से उन्हें खारिज करके उसकी रिहाई के आदेश दे दिये.
गत 31 जनवरी को सईद और उसके चार सहायकों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी कासिफ हुसैन को आतंकवाद निरोधक अधिनियम 1997 और आतंकवाद निरोधक अधिनियम 1997 की चौथी अनुसूची के तहत पंजाब सरकार ने 90 दिन के लिए हिरासत में लिया था. सार्वजनिक सुरक्षा कानून के तहत दो बार उसकी हिरासत बढ़ायी गयी. बोर्ड ने सईद के सहायकों की हिरासत और बढ़ाने से मना कर दिया था. उन्हें पिछले महीने रिहा किया गया था.